केंद्र सरकार को असम और पूर्वोत्तर के संंबंध में एक बड़ी सफलता मिली है. शुक्रवार (29 दिसंबर) को सरकार और उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (ULFA) के बीच एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए
गृह मंत्री शाह ने कहा, ”पूरे नॉर्थ-ईस्ट और विशेषकर असम(asam ) के लिए एक शांति के नए युग की शुरुआत होने जा रही है. मैं आज उल्फा के सभी प्रतिनिधियों को हृदय से विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपने जो भरोसा भारत सरकार पर रखा है, भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से आपकी मांग के बगैर ही इन सारी चीजों को पूरी करने के लिए एक टाइम बाउंड मैनर में प्रोग्राम भी बनाया जाएगा और हम गृह मंत्रालय के अंतर्गत एक कमेटी भी बनाएंगे जो असम सरकार के साथ रहकर पूरे समझौते को पूरा करने का प्रयास करेगी। वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, “आज असम के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में असम की शांति प्रक्रिया निरंतर जारी है…”
‘सभी हथियारी ग्रुप की बात को समाप्त करने में सफलता मिली है’
गह मंत्री ने कहा, ”रिकॉर्ड पर 9 हजार से ज्यादा कैडर ने सरेंडर किया है और 85 प्रतिशत असम में से अफस्पा (AFSPA) को हटाया जा रहा है और आज भारत सरकार, असम सरकार और यूनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट ऑफ असम (ULFA) के बीच में जो ट्राई पार्टी(party ) समझौता हुआ है, इससे असम के सभी हथियारी ग्रुप की बात को यहीं पर समाप्त करने में हमें सफलता मिली है…”