नर्मदापुरम। करीब एक माह पहले सतपुड़ा टाइगर रिजर्व रोली घाट में पूर्व वनमंत्री की चिकन-भर्ता पार्टी व प्रतिबंधित क्षेत्र में प्राइवेट वाहन ले जाने के मामले की जांच पूरी हो गई है। एसटीआर ने जांच रिपोर्ट बनाकर अपने हेड ऑफिस पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ को भेज दी है। रिपोर्ट में प्रतिबंधित क्षेत्र में प्राइवेट गाड़ी ले जाना पाया गया। जंगल में खुले में पेड़ के नीचे खाना बनाने और निजी गाड़ी ले जाने में किसकी लापरवाही रही है।
दरअसल करीब एक माह पहले दो वीडियो सामने आए थे जो की सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के रोरी घाट में पूर्व वन मंत्री एवं उनके साथी के साथ प्रतिबंधित क्षेत्र में चिकन भरता पार्टी आयोजित की गई थी, जिसको लेकर वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने पीसीसीएफ को मामले की शिकायत की थी, जिसमें प्रबंधन के कुछ कर्मचारी भी दिखाई दे रहे थे। वीडियो सामने आने के बाद पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ ने मामले की जांच के आदेश दिए थे, साथ ही एनटीसीए ने भी मामले में संज्ञान लिया था, फील्ड डायरेक्टर की शिकायत वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने भोपाल में पीसीसीएफ से की थी। मामले में पूर्व वनमंत्री की पार्टी आयोजित करने वाले कर्मचारी के खिलाफ 19 दिसंबर को जांच शुरू कर दी गई थी, डिप्टी डायरेक्टर संदीप फैलोज ने मामले में जांच की, मुर्गे चिकन बाजार से खरीदा गया था। कैंप में स्थानीय कर्मचारी रहते है, उनके लिए खाना बना था। हालांकि वायरल वीडियो को देखे तो उसमें विधायक खुद बोल रहे है कि खाना खाकर मजा आ गया। यानि पहाड़ी पर बना खाना विधायक व उनके साथी ने भी खाया था।
प्रतिबंधित क्षेत्र में चिकन पार्टी को एनटीसीए ने गंभीरता से लिया। केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने मध्यप्रदेश सरकार को लेटर लिखकर कार्रवाई का पूछा था। लेटर में मंत्रालय ने मामले को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन माना है। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) ने पूछा है कि इस मामले में अब तक क्या एक्शन लिया है। NTCA के सहायक वन महानिरीक्षक हेमंत सिंह ने मप्र सरकार को लेटर भेजा है। इसमें वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे की शिकायत का भी जिक्र है। इस पत्र को लिखे 10 दिन बीत चुके है।
फील्ड डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति ने बताया कि उपसंचालक ने जांच की है। रिपोर्ट में पाया कि सिद्धबाबा पहाड़ी पर निर्माणधीन कैंप को देखने की पूर्व वनमंत्री विधायक शाह ने इच्छा जाहिर की। तत्काल हमारे रेंज अफसर व स्टॉफ के साथ वे देखने गए थे। निजी वाहन से पहाड़ी पर गए थे। किसकी लापरवाही है किसकी नहीं, ये सब जांच रिपोर्ट में लिखकर अपने हेडऑफिस को भेज दिया है।