केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने नवा रायपुर स्थित विश्राम भवन में आयोजित बैठक में कहा कि जल जीवन मिशन से जिन घरों में पेयजल पहुंच रहा है, वहां पानी की गुणवत्ता, पर्याप्त मात्रा और आपूर्ति की निरंतरता पर खास ध्यान दें। राज्य के जिन इलाकों में पेयजल में भारी तत्वों की मात्रा निर्धारित सीमा से अधिक है, वहां जल की गुणवत्ता की हर महीने जांच करें। लोगों को हर हाल में शुद्ध और सुरक्षित पेयजल मुहैया कराना है। शेखावत ने आगामी 26 जनवरी को ग्राम पंचायतों में आयोजित होने वाली ग्रामसभा में जल जीवन मिशन के कार्यों की प्रगति संबंधी बिंदु भी शामिल करने के निर्देश दिए।
उन्होंने स्वसहायता समूहों की महिलाओं को गांव में नल से जल आपूर्ति के संचालन एवं रखरखाव के लिए प्रशिक्षित कर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कुछ गांवों में इसके संचालन की जिम्मेदारी देने का सुझाव दिया। उन्होंने दुर्गम और पहुंचविहीन क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछाने में आ रही दिक्कतों के मद्देनजर ऐसी छोटी बसाहटों में जहां भूजल की गुणवत्ता अच्छी है, वहां सौर ऊर्जा आधारित सामुदायिक जल प्रदाय की व्यवस्था बनाने का सुझाव दिया। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुलहक ने बैठक में प्रदेश में जल जीवन मिशन के कार्यों की प्रगति की जानकारी दी।
केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री शेखावत ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि इसके तहत गुणवत्तापूर्ण और टिकाऊ (Sustainable) कार्य किए जाएं। उन्होंने ज्यादा आबादी वाले गांवों में वेटलैंड (Wetland) का निर्माण कर उपयोग किए हुए पानी का उपचार कर कृषि या उद्यानिकी के लिए इसका इस्तेमाल करने का सुझाव दिया। उन्होंने घर-घर कचरा संग्रहण के काम के सुचारू संचालन के लिए ग्रामीणों से यूजर चार्ज प्राप्त करने के लिए आईईसी (Information-Education-Communication) के माध्यम से जागरूक करने को कहा। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की संचालक पद्मिनी भोई साहू ने बैठक में मिशन के कार्यों की प्रगति की जानकारी दी।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख अभियंता एम.एल. अग्रवाल, जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता इंद्रजीत उइके और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियंता राजेश गुप्ता सहित दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद थे।