अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह से भगवान राम के बालरूप मूर्ति की पहली तस्वीर सामने आई है। हालांकि मूर्ति अभी ढ़की हुई है। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। प्रतिमा को 21 जनवरी तक जीवनदायी तत्वों से सुवासित कराया जाएगा, जिसका क्रम गुरुवार से प्रारंभ हो गया।
भारत और विदेश में प्रभु राम के सभी भक्तों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने महर्षि वाल्मीकि के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि जब तक पृथ्वी पर पर्वत हैं, नदियां हैं, तब तक रामायण की कथा, श्रीराम का व्यक्तित्व लोक समूह में प्रचारित होता रहेगा। स्मारक डाक टिकट जारी करते हुए प्रधानमंत्री ने वीडियो संदेश में कहा कि पत्र या महत्वपूर्ण दस्तावेज भेजने के लिए लिफाफे पर ये टिकट चिपकाए जाते हैं, लेकिन वे एक अन्य उद्देश्य भी पूरा करते हैं।
कमल और प्रभामंडल के कारण, मूर्ति का वजन 150 किलोग्राम
भगवान राम की 51 इंच की मूर्ति, ‘श्यामल’ (काले) पत्थर से बनाई गई है, इसको मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने तैयार किया है। योगीराज ने भगवान को कमल पर खड़े पांच साल के बच्चे के रूप में चित्रित किया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कमल और प्रभामंडल के कारण, मूर्ति का वजन 150 किलोग्राम है, और जमीन से मापने पर इसकी कुल ऊंचाई सात फीट है।