पत्थलगांव। CG NEWS : जशपुर जिले के पत्थलगांव तहसील में चल रहा भ्रष्टाचार किसी से छुपा नहीं है, यहां दूर दराज से आए ग्रामीण रोज राजस्व मामले को लेकर बेवजह भटकते दिख जाएंगे, तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार का मुद्दा पिछले कई सालों से चल रहा है। सरकार के द्वारा लोगों को राजस्व प्रकरण के मामले में सरलता से सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से प्रदेश भर में जिले के समस्त तहसील मुख्यालयों में बृहद राजस्व के निपटारे एंव त्वरित कार्रवाई करने को कहा गया है, परन्तु यहां बैठे अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कान में जु भी नहीं रेंग रहा।
आपको हम बता दें कि फौती नामांतरण , आय, जाति , निवास प्रमाणपत्र , ऋण पुस्तिका आसानी से उपलब्ध कराने शिविर आयोजित की है । परन्तु पत्थलगांव तहसील में इस प्रकार का कोई काम नहीं किया जाता साथ ही पत्थलगांव तहसील में जमीन दलालो का अड्डा बना हुआ है। यहां दुर दराज से आए ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ग्रामीण अपने काम के लिए सुबह से शाम तक बैठे रह जाते हैं, पर उनका काम नहीं होता वहीं देखें तो जमीन दलाल अपना काम आसानी से करा कर निकल जाते हैं।
आपको बता दे की पत्थलगाव तहसील कार्यालय और भ्रष्टाचार से चोली दामन का साथ रहा हैं। यहां जमीन खरीदी बिक्री के मामले में सुत्रो की मानें तो पूर्व के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते रहे हैं। पत्थलगांव तहसील कार्यालय में अधिकारियों के लिए दलाल सक्रिय है नामांतरण फौती जैसे छोटे छोटे प्रकरणों में रुपये लेकर गलत फैसले दिए जा रहे है, जिससे लोग परेशान हो रहे है। और अपील कर रहे है जिससे राजस्व प्रकरण में बढ़ोतरी हो रही है। कहीं न कही पत्थलगाव तहसील कार्यलय के अधिकारी सरकार की जनहितकारी योजनाओं के मंसूबों पर पलीता लगा रहे है । बहरहाल देखना होगा कि पत्थलगांव तहसील कार्यालय में खुलेआम चल रहे भ्रष्टाचार पर जिला प्रशासन अंकुश लगाने में कितना कामयाब होता है।
रजिस्ट्री के नाम पर लगते है अलग से राशि
लोगों की माने तो पत्थलगांव जशपुर जिले का एक मात्र तहसील कार्यालय है जहां जमीन रजिस्ट्री करवाने पर नियत रसीद षुल्क के अलावा अधिकारी का षुल्क रसीद शुल्क के बराबर देना पड़ता है,अनेक अड़चनों और भय के कारण लोग यह बेवजह का शुल्क देने को मजबूर है,कुछ लोगों का कहना तो ये है कि ग्रामीण अगर स्वयं अपने राजस्व कार्य की पैरवी करने अधिकारी के पास पहुंच जाए तो उसे कुछ न कुछ कागजी कमी बता कर अनगिनत बार दौड़ाया जाता है और मजबूर किया जाता है कि वह अपने काम दलालों के जरिये कराए,जिसपर दलालों का भारी शुल्क देना पड़ जाता है,अनेक बार सासन प्रशासन तक शिकायत पर भी इन पर कभी कोई कार्यवाही नहीं होती जिससे अब लोग दलालों के जरिये अपना कार्य कराने पर मजबूर दिखाई पड़ते है।