रांची: BREAKING : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Former Chief Minister Hemant Soren) को ईडी ने बृहस्पतिवार को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में पेश किया। जहां कोर्ट ने हेमंत सोरेन को एक दिन की न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा कारागार में भेज दिया गया है। ईडी ने कोर्ट से सोरेन की 10 दिन की रिमांड मांगी थी। रिमांड पर शुक्रवार को भी बहस होगी।
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पूछताछ के बाद गिरफ्तार
झारखंड (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन को बुधवार रात उनके आवास पर जमीन सौदे से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में सात घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था।
क्यों की हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी
BREAKING : ईडी ने कोर्ट को बताया कि 13 अप्रैल 2023 को छापेमारी में रेवेन्यू सब इंस्पेक्टर भानु प्रताप प्रसाद के यहां बड़े पैमाने पर जमीन से जुड़े रिकॉर्ड, रजिस्टर मिले। 1 जून 2023 को रांची में भानुप्रताप के खिलाफ रांची पुलिस ने केस दर्ज किया था। इसके बाद 26 जून 2023 को रांची पुलिस की एफआईआर पर इस मामले में ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया। जांच में पता चला की भानुप्रताप एक उस बड़े सिंडिकेट का हिस्सा था जो बड़े पैमाने पर सरकारी जमीनों की फर्जी सेल डीड बनाकर रेवेन्यू रिकॉर्ड में हेराफेरी कर जमीनों पर कब्जा करवाने में लगे थे।
कई जमीनों पर कब्जा
BREAKING : ऐसी कई जमीनों पर हेमंत सोरेन का भी कब्जा था। जिसकी जानकरियां भानुप्रताप के मोबाइल से मिलीं। ऐसी 12 जमीन के टुकड़ों की लिस्ट मिली जो करीब 8.5 एकड़ में थीं। इन जमीनों पर हेमंत सोरेन ने अवैध तरीके से कब्जा किया था। इन जमीनों की तस्वीरों में भानुप्रताप ने हाथ से कुछ लिखा भी था और उन्हें वेरिफाई भी किया था।
अवैध तरीके से किया है कब्जाः ईडी
इस मामले में कई और लोगों के पीएमएलए के तहत बयान दर्ज किए उन्होंने भी बताया की इन जमीन के टुकड़ों पर सोरेन ने अवैध तरीके से कब्जा किए हैं और इन पर सोरेन का स्वामित्व है। ईडी ने पीएमएलए के तहत एक सर्वे किया और पाया कि इन जमीनों पर सोरेन का अवैध कब्जा है। सोरेन के दिल्ली के घर से सर्च के दौरान कमरे से 36 लाख से ज्यादा कैश और जमीनों के दस्तावेज मिले। ये 8.5 एकड़ जमीन अपराध से कमाई आय का हिस्सा है।
सोरेन सीधे तौर पर इन जमीनों के अधिग्रहण और कब्जा करने में सीधे तौर पर जुड़े हैं और अपराध से आय अर्जित करने में वो सीधे तौर पर शामिल हैं। भानुप्रताप के साथ सीधे इस सिंडिकेट में जुड़ना और जमीनों पर अवैध तरीके से कब्जा करना पीएमएलए के तहत गिरफ्तारी का पुख्ता आधार है।