छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के शहर राजिम के वैभव को फिर से स्थापित करने के लिए राजिम कुंभ (कल्प) की फिर से शुरुआत करने का निर्णय लिया है।
राजिम शहर में आयोजित होने वाले विशाल धार्मिक समागम का नाम बदलकर ‘राजिम कुंभ (कल्प) मेला’ करने का फैसला किया है. यह जानकारी अधिकारियों ने शुक्रवार को दी है. अधिकारियों के मुताबिक इस मेले को कांग्रेस के शासनकाल के दौरान ‘राजिम माघी पुन्नी मेला’ के नाम से जाना जाता था।
राजिम कहां पर है?
राजिम एक लोकप्रिय ऐतिहासिक तीर्थ स्थल है जो रायपुर जिले से लगे गरियाबंद जिले में महानदी के तट पर स्थित है. देश के विभिन्न क्षेत्रों से लोग महत्वपूर्ण अवसरों पर नदी में पवित्र स्नान करने के लिए इस स्थान पर आते हैं. हर साल महाशिवरात्रि के दौरान राजिम में एक विशाल सभा आयोजित की जाती है, जिसमें लाखों लोग शामिल होते हैं। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक मंत्रिमंडल ने राज्य के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के शहर राजिम के गौरव को बहाल करने के लिए राजिम कुंभ (कल्प) मेले को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है. अब राजिम माघी पुन्नी मेला के स्थान पर राजिम कुंभ (कल्प) मेला का आयोजन किया जाएगा। बता दे इस आयोजन में पं. प्रदीप मिश्रा-धीरेंद्र शास्त्री भी शामिल होंगे