रायपुर। CG VIDHANSABHA : विधानसभा में आज गोमर्डा अभ्यारण्य में बाघ की मौत का मामला गूंजा। विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि जिम्मेदार किसी बड़े अधिकारी पर कार्रवाई नहीं की गई। नेता प्रतिपक्ष ने इसकी जांच विधायकों की कमेटी से कराने की मांग की। इस पर वन मंत्री ने बताया कि इस मामले की न्यायिक जांच चल रही है जिसकी रिपोर्ट 2 माह में आएगी उसके बाद ही सरकार कुछ और निर्णय लेने की स्थिति में रहेगी।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने ये मामला उठाया। उन्होंने सरकार से पूछा कि ये बाघ कब यहां आया कब तक ट्रेकिंग में दिखा और कब वह गायब हो गया। बाघ की मौत कैसे हुई और दोषी अधिकारी पर क्या कार्रवाई की गई। वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि वास्तव मे बाघ की मौत करंट लगने से हुई थी, शिकारियों ने सुअर या खरगोश पकड़ने के लिए जाल बिछाया था पर दुर्भाग्यवश उसमे बाघ फंस गया । डर से इन्होंने उसे जमीन में गड़ाकर उसमे नमक डाल दिया। इस मामले में 9 लोगों की गिरफ्तारी और एक बीट गार्ड के निलंबन की जानकारी मंत्री ने दी। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने पूछा कि जिम्मेदार बड़े अधिकारी पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई, उन्होंने इस मामले की जांच विधायकों की समिति से कराने की मांग की जिसे विभागीय मंत्री ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसकी अभी न्यायिक जांच चल रही है, जिसकी रिपोर्ट 60 दिनों में आएगी उसके बाद ही सरकार कुछ फैसला लेगी। मंत्री के जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ और उन्होंने कहा कि सरकार वन्य जीवों के संरक्षण के प्रति गंभीर नहीं हैं जो काफी चिंता का विषय है।