हिंदू धर्म में लोग अपने मांगलिक कार्यों का निमंत्रण सबसे पहले अपने ईस्ट देवता व कुल देवता को देते हैं। इसका कारण कुल परंपरा व शास्त्रीय विधान है। उद्देश्य है कि हम जो मांगलिक कार्य करने जा रहे हैं उसे सभी देवी-देवता सफल बनाएं। इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राजिम कुंभ कल्प का पहला न्यौता प्रभु श्री राम को देते हुए राजिम कुंभ के सफल आयोजन की कामना की।
संस्कृति मंत्री अग्रवाल ने कहा कि राजिम कुंभ कल्प का आयोजन के दौरान तीन पुण्य स्नान क्रमशः 24 फरवरी माघ पूर्णिमा, 4 मार्च माता जानकी जयंती और 8 मार्च महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर होंगे। उन्होंने कहा कि पांच साल बाद राजिम कुंभ की भव्यता फिर से लौटेगी। राजिम कुंभ में देशभर से बड़ी संख्या में साधु-संतों पीठाधीश्वर, मठाधीश, महात्मा, शंकराचार्य राजिम कुंभ में पधारेंगे।
मंत्री अग्रवाल ने कहा कि वर्षों बाद अयोध्या में श्री रामलला की घर वापसी हुई है। इसको पूरे देशभर में उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने राजिम कुंभ कल्प को भी रामोत्सव के रूप में मनाने का आह्वान किया। देश-प्रदेश के श्रद्धालु गणों के आगमन से राजिम कुंभ कल्प का आयोजन बड़े ही धूमधाम और हर्षाेल्लास के साथ होगा।