रायपुर। विधानसभा में आज छत्तीसगढ़ी भाषा को स्कूली शिक्षा में शामिल करने का मामला उठा । साथ ही आगामी दिनों होने वाली नई भर्तियों में छत्तीसगढ़ी स्नातकों को प्राथमिकता देने की मांग विपक्ष ने की।
छत्तीसगढ़ी भाषा में शिक्षा को लेकर कुंवर सिंह निषाद ने प्रश्न किया था। इस पर मंत्री अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ी की लिपी नहीं है। अभी हिंदी के शिक्षक की छत्तीसगढ़ी पढ़ाते हैं। उसकी अलग से व्यवस्था करने की जरुरत नहीं है। इस पर निषाद ने कहा कि प्राथमिक स्तर की पढ़ाई छत्तीसगढ़ी में कराने की घोषणा की गई थी। एनसीआरटी इसके लिए तैयार है केवल सरकार की घोषणा बाकी है।
आगामी दिनों 33 हजार शिक्षकों की भर्ती होगी
प्रश्नकाल में आज विपक्ष के सदस्य कुंवर सिंह निषाद ने सदन में यह मामला उठाया। उन्होंने पूछा कि छत्तीसगढ़ी राजभाषा को स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम में कब तक शामिल किया जाएगा और इस भाषा में मास्टर डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों के रोजगार के लिए सरकार ने क्या योजना बनाई है। विधायक ने पूछा जब हर राज्य में वहां की बोली के अनुसार पढ़ाई होती है तो यहां क्यों नहीं। अपने जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि प्राथमिक कक्षाओं में 25 प्रतिशत , मिडिल स्कूल में 30 और हाई स्कूल में 15 प्रतिशत पाठ्यक्रम छत्तीसगढ़ी भाषा का शामिल किया गया है। वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत आगामी दिनों 33 हजार शिक्षकों की भर्ती होगी। इन भर्तियों में छत्तीसगढ़ी स्नातक स्थानीय युवाओं प्राथमिकता देने की घोषणा विभागीय मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सदन में की। मंत्री की इस घोषणा पर पक्ष, विपक्ष के सदस्यों ने मेज थपथपाकर स्वागत किया।
छत्तीसगढ़ी नहीं बल्कि हल्बी, सरगुजिहा और सदरी सहित अन्य स्थानीय भाषाओं में पढ़ाने की तैयारी
मंत्री अग्रवाल ने कहा कि हमारी सरकार केवल छत्तीसगढ़ी नहीं बल्कि हल्बी, सरगुजिहा और सदरी सहित अन्य स्थानीय भाषाओं में पढ़ाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए किताब तैयार कराया यगा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी में एमए करने वालों की इसी साल शिक्षक के रुप में भर्ती होगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी में शिक्षा की बात भावनात्मक रुप से अच्छा है, छत्तीसगढ़िया को आगे बढ़ाना है। इस भावना से मैं भी सहमत हूं, लेकिन हमें अपने बच्चों का स्तर भी बढ़ाना है। उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता के लिए तैयार करना है।