दंगल फिल्म स्टार सुहानी भटनागर का महज 19 वर्ष की उम्र में शनिवार सुबह दिल्ली एम्स में निधन हो गया। सुहानी का राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित अजरौंदा श्मशान घाट में विधिवत रूप से दाह संस्कार किया गया। परिजन समेत पूरे फरीदाबाद ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी।
read more: HEALTH NEWS : हार्ट अटैक से जान बचाएगी ये तीन गोलियां – डॉ फरिश्ता
क्या होता है फ्लूइड एक्यूम्युलेशन (fluid accumulation)
फ्लूइड एक्यूम्युलेशन (fluid accumulation), जिसे एडिमा भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के विभिन्न हिस्सों में अतिरिक्त तरल पदार्थ जमा होने लगता है. यह तरल पदार्थ पानी हो सकता है, लेकिन वास्तव में इसमें विभिन्न प्रकार के तरल पदार्थ शामिल हो सकते हैं, जैसे रक्त, लसीका, या अन्य शारीरिक तरल पदार्थ. फ्लूइड एक्यूम्युलेशन के विभिन्न कारण हो सकते है, जैसे कि दिल की समस्याएं, किडनी की समस्याएं, थायराइड समस्याएं, लिवर की समस्याएं, और अन्य रोग या अस्वास्थ्यकर स्थितियाँ. इसके अलावा, गर्भावस्था, वायरल इन्फेक्शन, या दवाओं का उपयोग भी फ्लूइड एक्यूम्युलेशन का कारण बन सकता है. कुछ दवाओं के उपयोग से भी फ्लूइड एक्यूम्युलेशन हो सकता है. विशेष रूप से, कुछ दवाओं का उपयोग किया जाता है जो शरीर में तरलता के लेवल को बढ़ा सकते हैं, जिससे फ्लूइड एक्यूम्युलेशन का खतरा बढ़ सकता है.
कुछ सामान्य लक्षण
सूजन (अधिक स्थानीय फ्लूइड): सबसे सामान्य लक्षण है सूजन, जो शरीर के विभिन्न हिस्सों में हो सकता है, जैसे कि पैरों, पेट, हाथ, या चेहरा.
श्वसन संबंधी समस्याएँ: फ्लूइड एक्यूम्युलेशन के कारण श्वसन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे कि दमा या श्वसन की कठिनाई.
उबाऊ: फ्लूइड एक्यूम्युलेशन के कारण शरीर में फ्लूइड की अधिकता से शिरा का उबाऊ (वेनस कंजेस्टन) हो सकता है.
थकान: अधिक फ्लूइड के कारण, अत्यधिक थकान महसूस हो सकती है.
खांसी और सांस लेने में कठिनाई: फ्लूइड एक्यूम्युलेशन के कारण पसीने की समस्या हो सकती है, जो खांसी और सांस लेने में कठिनाई का कारण बन सकती है.
उच्च रक्तचाप: फ्लूइड एक्यूम्युलेशन (fluid accumulation) के कारण रक्तचाप बढ़ सकता है, जिसके लक्षणों में चक्कर आना, सिरदर्द, या अस्तव्यस्तता शामिल हो सकते हैं.
मुँह में सूखापन: फ्लूइड एक्यूम्युलेशन के कारण, मुँह में सूखापन या जीभ पर पलेट्स की छाले हो सकते हैं.
मूत्र प्रणाली के लक्षण: फ्लूइड एक्यूम्युलेशन के कारण मूत्र प्रणाली के संकेत हो सकते हैं, जैसे कि बार-बार मूत्र आना, मूत्र में रंग का परिवर्तन, या मूत्र में लक्षणों की गंध.
कुछ दवाओं के उपयोग से फ्लूइड एक्यूम्युलेशन (fluid accumulation) का खतरा
स्टेरॉयड्स: कुछ स्टेरॉयड दवाएं जैसे कि प्रेडनिसोलोन और प्रेडनिजोलोन उपयोग किए जाते हैं जो शरीर में नातिजतन तरलता को बढ़ा सकते हैं, जो फ्लूइड एक्यूम्युलेशन का कारण बन सकते हैं.
नाइट्रेट्स: दिल की समस्याओं जैसे कि अंजीना (छाती में दर्द) के उपचार के लिए नाइट्रेट्स का उपयोग किया जाता है, जो शरीर में वासोडिलेशन (रक्तकोशिकाओं के विस्तार) को बढ़ा सकते हैं और इसके परिणामस्वरूप फ्लूइड एक्यूम्युलेशन को बढ़ा सकते हैं.
सांस लेने से संबंधित दवाएं: कुछ दवाएं जो अस्थमा या अन्य श्वसन संबंधी समस्याओं के उपचार में प्रयोग की जाती हैं, फ्लूइड एक्यूम्युलेशन का कारण बन सकती हैं.
पेन किलर्स: कुछ पेन किलर्स के अधिक उपयोग से फ्लूइड एक्यूम्युलेशन का खतरा हो सकता है. विशेष रूप से, एस्पिरिन और नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इन्फ्लैमेटरी दवाएं (NSAIDs) जैसे कि इबुप्रोफेन और नप्रॉक्सन सोडियम फ्लूइड एक्यूम्युलेशन का कारण बन सकते हैं.
वाटर रिटेंशन की समस्या को कम करने के उपाय
1- नमक कम खाएं- आपको सबसे पहले नमक के सेवन पर कंट्रोल करना है. सीमित मात्रा में ही नमक खाएं. अगर खाने में नमक कम है तो ऊपर से बिल्कुल न डालें.
2- बाहर के पैक्ड फूड से बचें- आपको बाहर का और खासतौर से पैक्ड फूड का सेवन बिल्कुल नहीं करना है. इससे आपकी समस्या और बढ़ सकती है. वॉटर रिटेंशन की समस्या से दूर करने के लिए रेडी टू ईट फूड खाने से बचें. इनमें नमक की मात्रा बहुत ज्यादा होती है.
3 खूब पानी पिएं- अगर आप ये सोचकर पानी नहीं पी रहे कि शरीर में पानी की मात्रा बढ़ रही है तो ये गलत है. दरअसल ज्यादा पानी पीने से वॉटर रिटेंशन को रोकने में मदद मिलती है.
4- लंबे समय तक बैठने से बचें- अगर आप बहुत देर तक एक ही पॉजिशन में बैठते हैं तो इससे बचें. इससे शरीर में सूजन की समस्या हो सकती है. अगर सिटिंग जॉब है तो बीच-बीच में थोड़ी स्ट्रेचिंग करते रहें.
5- पैरों को उठाकर बैठें- ज्यादा समय तक पैरों को लटका कर न बैठें. इससे पैरों में सूजन आने लगती है. अगर कभी ऐसी समस्या हो जाए तो पैरों को सीधे लेट जाएं और पैरों को थोड़ा ऊपर उठाएं. आप चाहें तो सोते वक्त पैरों की नीचे तकिया लगा सकते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की पुष्टि हम नहीं करते है . इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें