जगरगुंडा थाने के पूवर्ती तथा इसके निकटवर्ती गांवों को दंडकारण्य में माओवादियों की सबसे सुरक्षित पनाहगार कहा जाता था। पूवर्ती टॉप नक्सल कमांडर हिड़मा और पीएलजीए बटालियन कमांडर देवा का गांव भी है। इन्हीं इलाकों से ही नक्सलवादी आतंकवाद का नासूर पूरे दंडकारण्य में पनपता था। माओवादी आतंकवाद के केंद्र इन गांवों में विकास की बुरी स्थिति थी।
लोगों को विकास का लाभ देने का तथा इन इलाकों को नक्सलवाद के दंश से मुक्त कराने का दृढ़ संकल्प मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने लिया और इन संवेदनशील इलाकों में 14 नये कैंप आरंभ किये गये। इसी कड़ी में सीआरपीएफ, एसटीएफ, कोबरा, डीआरजी, बस्तर फाइटर एवं स्थानीय पुलिस द्वारा 16 फरवरी को जगरगुंडा थाना के पूवर्ती में भी सुरक्षा कैंप खोला गया। कैंप खोलने का मकसद सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करना भी है। इस पर काम भी आरंभ हो गया है। पूर्वती में कैंप खोलने के पश्चात स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। इसमें सभी से स्वास्थ्य जांच की अपील की गई। इसमें हिड़मा की मां तथा देवा की माँ ने भी स्वास्थ्य जांच कराया।
नक्सल मोर्चे पर जवानों से मिलकर उनका हौसला बढ़ा रहे
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री साय लगातार नक्सल मोर्चे पर विकास, विश्वास और सुरक्षा, न्याय और सेवा के पंचतत्वों की रणनीति के माध्यम से बढ़ रहे हैं। उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा भी लगातार नक्सल मोर्चे पर जवानों से मिलकर उनका हौसला बढ़ा रहे हैं। लोगों का विश्वास जीतने के इसी क्रम में प्रशासनिक अमला पूवर्ती गांव में पहुंचा। लोगों को बताया कि किस तरह सरकार नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से आप लोगों के लिए बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने काम करने वाली है।शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं का लाभ देने इन 14 कैंपों के पांच किमी के दायरे में नियद नेल्लानार योजना अर्थात आपका अच्छा गांव योजना आरंभ की गई है। इस योजना के माध्यम से 25 से अधिक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं और इनके माध्यम से 32 तरह की व्यक्तिमूलक योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। “नियद नेल्लानार” ऐसी योजना है जिसमें प्रधानमंत्री जनमन योजना की तरह ही बुनियादी सुविधाओं से संबंधित लाभ हितग्राहियों को दिये जाते हैं। इसके लिए 20 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।
विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाया जाएगा
पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज सुन्दरराज पी. द्वारा बताया गया कि जिला बीजापुर में नवीन सुरक्षा कैम्प पालनार, डुमरीपालनार, चिंतावागू, कावड़गांव, मुतवेण्डी एवं गुंडम तथा जिला सुकमा में नवीन सुरक्षा कैम्प मुलेर, परिया, सलातोंग, मुकराजकोण्डा, दुलेड़, टेकलगुड़ेम एवं पूवर्ती व जिला कांकेर में नवीन सुरक्षा कैम्प पानीडोबीर कुल 14 सुरक्षा कैम्प स्थापित किये गये हैं, जिसमें नवस्थापित कैम्प पूवर्ती में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में शीर्ष माओवादी कैडर के परिजनों सहित अन्य ग्रामीणजन द्वारा शामिल होकर स्वास्थ्य शिविर का लाभ उठाना, जनहित में किये जा रहे पुलिस, सुरक्षा बल व स्थानीय प्रशासन द्वारा की जा रही पहल का सकारात्मक परिणाम है।उन्होंने बताया कि बस्तर क्षेत्र में आगामी दिनों में शासन के मंशानुरूप विश्वास, विकास, सुरक्षा, न्याय और सेवा के पंचतत्वों के आधार पर पुलिस, सुरक्षा बल व स्थानीय प्रशासन द्वारा लगातार कार्य करते हुये क्षेत्र के हजारों ग्रामीणों को नक्सल आतंक से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ शासन की अनेक प्रकार की विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाया जाएगा।
नक्सलप्रभावित इलाकों पर केंद्रीय बलों के और राज्य पुलिस के सुरक्षा बल यहां अपने नये कैंप के साथ तैनात
उल्लेखनीय है कि विगत् एक सप्ताह में जिला सुकमा एवं बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्र के ग्राम टेकलगुडे़म, गुण्डम एवं पूवर्ती में कैम्प स्थापना किरण जी. चव्हाण पुलिस अधीक्षक जिला सुकमा, जितेन्द्र कुमार यादव पुलिस अधीक्षक जिला बीजापुर, कमलोचन कश्यप पुलिस उप महानिरीक्षक दन्तेवाड़ा रेंज, अरविन्द राय पुलिस उप महानिरीक्षक सीआरपीएफ सुकमा, एस.के. मिश्रा पुलिस उप महानिरीक्षक सीआरपीएफ बीजापुर तथा सीआरपीएफ व कोबरा के सेनानीगण एवं अन्य बल के सदस्यों द्वारा लगातार मैदान में जवानों का हौसला बुलंद करने के साथ-साथ शासन-प्रशासन के प्रति ग्रामीणों का विश्वास अर्जित करने का कार्य भी किया जा रहा है।गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के विरुद्ध लड़ाई में जगरगुंडा के बेहद संवेदनशील और नक्सलप्रभावित इलाकों पर केंद्रीय बलों के और राज्य पुलिस के सुरक्षा बल यहां अपने नये कैंप के साथ तैनात हो गये हैं और स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए ढाल की तरह खड़े हो गये हैं। वे लोगों का दिल जीत रहे हैं। उनसे लगातार संवाद कर रहे हैं। इसका निश्चित ही अच्छा प्रभाव माओवाद के विरुद्ध लड़ाई में मिलेगा।