रायगढ़ | Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में बरसात के दिनों में अक्सर जलभराव से लोग बेहद परेशान रहते हैं. क्योंकि बरसात के दिनों में बाढ़ के पानी से चक्रपथ पूरी तरह जलमग्न हो जाता था. और इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से बंद हो जाता था. परंतु रायगढ़ के पूर्व कलेक्टर तारन सिंहा के प्रयास से लगभग दो करोड की लागत से चक्रपथ का जीर्णोद्धार हो चुका है. जिससे अब बरसात के दिनों में इस मार्ग जलभराव से शहरवासियों को निजात मिलेगी। लंबे समय से चक्रपथ की उंचाई बढ़ाने को लेकर रेलवे विभाग से अनुमति का मामला लटका हुआ था.
दरअसल चक्रपथ शहर का वह मार्ग है जिससे चक्रधर नगर के साथ-साथ जिला न्यायालय व कलेक्टर कार्यालय जाने के लिये बरसात के समय में काफी दिक्कत होती थी. और कई दिनों तक यह मार्ग बंद हो जाता था। इस समस्या को देखते हुए पूर्व कलेक्टर तारन सिन्हा ने चक्रपथ की उंचाई बढाने के काम को न केवल अनुमति दी बल्कि रेलवे विभाग से भी सहयोग लेते हुए वहां आने वाले रूकावटों को भी दूर किया।
अब चक्रपथ को लगभग 5 फीट उंचा कराते हुए डामरीकरण कराया गया है। जिससे आने वाले बरसात के दिनों में भी केलो नदी का बाढ का पानी चक्रपथ में नही घुस सकेगा और इस मार्ग में आवागमन हो सकेगा।
कई सालों से चक्रपथ बरसात के समय बाढ़ के पानी से पूरी तरह डूब जाता था जिसके कारण यातायात पर भी खासा प्रभाव पड़ता था इतना ही नही चक्रपथ में आवागमन बंद हो जाने से पूरा दबाव रेलवे फाटक पर पडता था और वहां लंबे जाम से शहरवासियों को परेशानी उठानी पड़ती थी। एक जानकारी के अनुसार बरसात के दिनों में आए दिन चक्रपथ बाढ़ के पानी से पूरी तरह जलमग्न हो जाता जिससे शहर का यातायात पूरी तरह प्रभावित होता था।
इसकी उंचाई बढाने को लेकर कई बार नेताओं ने भी प्रयास किये और कई पूर्व कलेक्टरों ने भी इस पर निर्माण कार्य करने की बात तो कही थी लेकिन कोई भी अधिकारी रेलवे विभाग से चक्रपथ की उंचाई बढाने की अनुमति नही ले पाया। इस परेशानी को देखते हुए रायगढ़ के पूर्व कलेक्टर तारन सिन्हा ने चक्रपथ की उंचाई बढ़ाने की पहल की और आज यह मार्ग महज एक साल के भीतर पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका है। जिससे आने वाले दिनों में शहरवासियों को इसका लाभ मिलेगा।