जांजगीर-चांपा के इंजीनियर की शादी में निमंत्रण पत्र से लेकर मंडप, खाने का स्टाल और स्टेज सब में छत्तीसगढ़ी रंग लिखा। यहां तक बारात में भी दूल्हा बैलगाड़ी में सवार होकर निकला। आर्शीवाद समारोह में आयोजित स्नेह भोज में छत्तीसगढ़ी व्यंजन का स्टाल लगाया गया था। यहाँ तक डॉजे में जो गीत बजे वह भी छत्तीसगढ़ी में थे। इस अनूठे विवाह की चर्चा जैजैपुर सहित आसपास के गांवों में भी जमकर है।ग्राम खैरा मयंक चंद्रा का विवाह ग्राम सेरो जिला सक्ती निवासी मनहरण लाल चंद्रा की बेटी प्रियंका चंद्रा के शादी हुआ।
इस विवाह में छत्तीसगढ़ी संस्कृति व परंपरा देखने को मिला शादी का आमंत्रण पत्र छत्तीसगढ़ी में छपवाया गया था। घर के मंडप की साज सज्जा भी छत्तीसगढ़ी अंदाज में किया गया था। बारात भी जनबासे से बैलगाड़ों में निकली। विवाह के बाद आर्शीवाद समारोह का आयोजन हुआ। जिसमें खाने के स्टाल में छतीसगढ़ व्यंजन बन्नकर सजाया गया था। जिसमें मूंग भतिया, चनाचटपटी, डूबकी, बटकर की सब्जी, जिमिकांदा, ननको बड़ी प्याज भाजी, कैभत्ता, चावल, दाल, बासी, बिजौरी, लाई बड़ी, मुनगा, झुनग बड़ी, उसन प्रवल आदि को व्यवस्था थी। खाने के प्लेट के ऊपर पतल बिछाया गया। इस तरह स्टेज से लेकर खाने के स्टाल तक सब जगह छत्तीसगढ़ी संस्कृति को झलक दिखी।आर्शीवाद समारोह में छत्तीसगढ़ी लोक गीत आशीकद समारोह के दौरान आर्केस्ट्रा के बजाय अजूक के छत्तीसगढ़ी लोक कला मंच के कलाकारों को बुलाया गया था। इनके द्वारा पारपरिक छत्तीसगढ़ी गीतों की प्रस्तुति दी गई। इस आयोजन की लोगों ने खूब सराहा।