- सरपंच के कम पढ़ी-लिखी होने के कारण पंचायत सचिव बनाते हैं बेवकूफ
- निर्माण कार्य का बिना लेआउट किए ढाई लाख रुपया गबन
नारायणपुर: Narayanpur News : जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर ग्राम पंचायत आमगांव का मामला सामने आया है जहां ग्राम पंचायत सचिव सीताराम पोटाई के द्वारा कोरोना काल के समय का कमीशन पैसा वितरण करने के नाम पर पीडीएस संचालक संदीप करंगा के नाम पर 194500 का चेक जारी कर सरपंच के पास चेक पर हस्ताक्षर करवाने भिजवाए वही सरपंच मनाय वड्डे को चेक के संबंध में कोई जानकारी नहीं थी। फिर सरपंच ने जानकारी लेने पंचायत सचिव को कई बार फोन के माध्यम से संपर्क करने की कोशिश की मगर सचिव के द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया।
सचिव सीताराम पोटाई-
पंचायत सचिव पर विश्वास करते हुए सरपंच मनाय वड्डे बीना जाने आनन-फानन में आकर धोखें से चेक पर हस्ताक्षर कर दिये, बाद में सरपंच को सचिव व पीडीएस संचालक द्वारा साठगांठ होकर पैसा गबन करने का अंदेशा होने पर मनाय वड्डे 22/11/2023 को सुबह पंचायत सचिव सीताराम पोटाई के घर पर पहुंच कर जानकारी लेनी चाही, मगर बात को टालते हुए सचिव ने सरपंच से कहा कि मुझे पीडीएस संचालक संदीप करंगा कमीशन लिस्ट दिखाकर मुझे 194500 का हिसाब बता कर चेक कटवाया तो मैंने संदीप करंगा को ग्राम पंचायत स्वयं की आय से अकाउंट नंबर -77038608583 से चेक काट कर दिया है। सरपंच के द्वारा अकाउंट( पंचायत खाता) में रखे पैसे के बारे में जानकारी लेनी चाही तो सचिव ने अकाउंट एंट्री कराकर देखने से पता चलेगा कहकर सरपंच के बातों को टाल दिया।
बाद में सरपंच को गबन की गई राशि के बारे में पता चलने पर सचिव ने दोबारा कमीशन की वास्तविक राशि 171000 का चेक 15/12/2023 को काट कर पीडीएस संचालक संदीप करंगा के नाम पर उनकी कमीशन राशि का चेक सौंप दिया।
निर्माण कार्य का बिना लेआउट किए ढाई लाख रुपया गबन
सरपंच ने बताया कि ऐसे ही चार-छ: माह पहले ग्राम पंचायत में पुल निर्माण कार्य के लिए 5 लाख की राशि शासन के द्वारा पंचायत के खाते में जमा हुई थी जिसमें से निर्माण कार्य स्थल के बिना लेआउट किये, 250000 लाख रुपया पंचायत सचिव सीताराम पोटाई के द्वारा गबन कर लिया गया । जिसकी जानकारी लेने पर पंचायत सचिव के द्वारा किसी प्रकार की कोई जानकारी या हिसाब पेस नहीं किया गया है।
ऐसे ही अभी हाल ही में ग्राम पंचायत आमगांव के आश्रित ग्राम मांडोकी में स्कूल निर्माण कार्य चल रहा है जिनका द्वितीय मूल्यांकन पश्चात जनपद पंचायत नारायणपुर के द्वारा 3,20000 लाख का चेक पंचायत खाते में जमा करवाया गया। जिसको सरपंच के द्वारा स्कूल भवन में किए गए कार्यों के भुगतान को लेकर बारंबार पंचायत सचिव सीताराम पोटाई को अवगत कराने के बावजूद सचिव के द्वारा निर्माण कार्य में लगे मजदूर व मटेरियल का भुगतान नहीं किया जा रहा है, जमा हुए राशि में से 1,97000 का ही पेमेंट किया, बाकी की राशि को पंचायत सचिव के द्वारा रोक दिया गया है।
ऐसे ही पंचायत सचिव के लापरवाही के चलते कई कार्य अधूरा पड़ा हुआ है, वहीं कई कार्यो को चालू तक नहीं कराया गया है जैसे पूल निर्माण, यात्री प्रतीक्षालय, निकासी नाली आदि।
सचिव सीताराम पोटाई के बातों से संतुष्ट नहीं होने पर इन सब बातों की जानकारी मीडिया को देते हुए बताई की ऐसे भ्रष्ट सचिव को ग्राम पंचायत में रहने का कोई अधिकार नहीं है, मैं शासन प्रशासन से अनुरोध करती हूं कि मामले को गंभीरता में लेते हुए जांच कर ऐसे भ्रष्ट व्यक्तियों पर कड़ी कार्यवाही की जावे, और ऐसे भ्रष्ट व्यक्तियों पर विश्वास कर मैंने जो हस्ताक्षर करने की गलती की है उस पर मैं शासन प्रशासन से क्षमा चाहती हूं।
सरपंच मनाय वड्डे-
सरपंच मनाय वड्डे आगे मीडिया से चर्चा में बताई कि मैं महज 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की हूं। मेरे दो छोटे-छोटे बच्ची है और मैं एक विधवा औरत हूं मेरे पति सन्-2020 में गुजर गए। इसी बीच ग्रामीणों के लाड प्यार ने मुझे सरपंच के पद पर बिठा दिया था और आज मेरा कार्यकाल कुछ ही महीनों में पूर्ण होने वाला है और मैं नहीं चाहती की किसी प्रकार से मेरे मान सम्मान पर दाग लगे। मैं हमेशा गांव और गांव के लोगों के हित पर काम करती आई हूं और हमेशा करती रहूंगी।
इन सभी बातों कि जानकारी लेने मीडिया के द्वारा ग्राम पंचायत सचिव सीताराम पोटाई से बात करनी चाही तो सचिव के द्वारा बाद में मिल कर बात करने की बात कह कर अपना पलड़ा झाड़ दिया। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरपंच के द्वारा लगायी गयी आरोप, पूरा-पूरा ग्राम पंचायत सचिव के गलतियों की ओर इशारा कर रहा है।