The Taste Of Ginger: अक्सर आपने लोगों को कहते एक मुहावरा जरूर सुना होगा- बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद। दरअसल इस मुहावरे का इस्तेमाल किसी व्यक्ति के बेवकूफी करने या किसी चीज को न समझने पर की जाती है। इसका अर्थ होता है किसी मूर्ख को गुण की परख न होना या अज्ञानी को किसी के महत्व का पता न होना। क्या कभी यह जनाने की कोशिश की कि आखिर बंदर अदरक का स्वाद क्यों नहीं जानता। आइए आप जानते हैं इस मुहावरे से जुड़ी वजह-
यह है एक वजह
बंदर शाकाहारी होता है और वह जंगल में अनेकों वनस्पतियों, पेड़, पौधों और उनके फूलों से भलीभांति परिचित होता है। लेकिन, अदरक एक प्रकार का भूमिगत तना होता है। उसका अपना विशिष्ट स्वाद होता है जिसका उपयोग मनुष्य तो अपनी आवश्यकतानुसार करता है लेकिन बंदर ऐसा नहीं कर पाता।
मनुष्य में गुणों को पहचानने की क्षमता होती है परंतु उछल-कूद करने वाले बंदर अदरक के स्वाद से अपरिचित ही रह जाते हैं। नहीं होता है कोई स्वाद दरअसल अदरक में कोई स्वाद ही नहीं होता, न ही ये खट्टा होता है न ही मीठा और न ही कड़वा। ऐसे में इसकी स्वाद की अनुभूति इंसान जिस तरह से करता है वो जानवर नहीं कर पाते। इसलिए जब भी अदरक खाने के लिए बंदर को दिया जाता है तो उसे इसमें कोई स्वाद नहीं आता।
इसलिए जब भी बंदर को अदरक खाने के लिए दिया जाता है तो वो उसे चखते ही फेंक देता है। अदरक में पाए जाने वाले तत्व अदरक में ढेरों तत्व पाए जाते हैं। सम्मिलित है।