गौरतलब है कि महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने विधानसभा में एक प्रश्न के जवाब में रेडी टू ईट का संचालन फिर से महिला समूहों को सौंपने के संबंध में संवेदनशीलता के साथ विचार करने की बात कही थी। सरगुजा से लेकर बस्तर तक के 30 जिलों से आई महिलाओं ने मुख्यमंत्री से कहा कि आपके इस निर्णय से रेडी टू ईट के संचालन से जुड़ी हम सभी महिलाएं बहुत खुश हैं और आपके सम्मान में समारोह आयोजित कर आपके और छत्तीसगढ़ सरकार के प्रति आभार जताना चाहते हैं। महिलाओं ने आयोजित समारोह के लिए मुख्यमंत्री को आमंत्रित भी किया।
प्रदेशभर के सभी संभागों से आई समूह की महिलाओं ने बताया कि राज्य में रेडी टू ईट के संचालन से 1786 समूह की लगभग 26 हजार महिलाएं प्रत्यक्ष रूप से जुड़ी थी। लेकिन पिछली सरकार ने रेडी-टू-ईट के काम से महिलाओं को वंचित कर दिया था। इससे महिलाओं के परिवारजनों को मिलाकर लगभग 3 लाख लोग प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए थे। उन्होंने बताया कि हमें बीते सालों में अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ा और हमारे सामने आजीविका का बड़ा संकट आ गया था। आपके नेतृत्व वाली संवेदनशील सरकार ने हमारी इस पीड़ा को समझा और यह फैसला लिया।
महिलाओं ने कहा कि रेडी टू ईट के संचालन से होने वाली आय से हमारे पूरे परिवार का भरण-पोषण होता था। साथ ही इस आय के कारण हमें अपने वक्त, जरूरत और तीज-त्यौहारों में किसी के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ता था। जबसे हमारा रोजगार छीना गया है, हम लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। रेडी टू ईट के संचालन का कार्य जबसे महिला समूहों को वापस सौंपने का राज्य सरकार ने निर्णय लिया है, हमें आशा बंधी है कि हमें अवश्य काम मिलेेगा।
मुख्यमंत्री ने महिलाओं से कहा कि रेडी टू ईट हमारे नौनिहालों के पोषण और उनके स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। हमें इसकी गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की मंशा है कि बच्चों को सही पोषण मिले और हम इसे सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित है। इस दौरान उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा तथा खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल भी उपस्थित थे।