Reason of Sleeping During Study: पढ़ते तो सभी हैं. चाहे बच्चे हो या बड़े. और अक्सर किताबें खोलते ही बच्चों को नींद आने लगती है. ऐसा सिर्फ पढ़ने वाले बच्चों के साथ ही नहीं बल्कि बड़े लोगों के साथ भी हो जाता है. और पढ़ने की बजाय हम गहरी नींद में सो जाते हैं. पर क्या कभी आपने ये सोचा की आखिरकार ऐसा क्यों होता होगा। की हम पढ़ने बैठे और हमें आलस आये और नींद भी सताए। अगर आप इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
आंखों की मांसपेशियों पर पड़ता है दबाव
असल में पढ़ाई करते वक्त हमारी आंखों पर ज्यादा दबाव पड़ता है और मस्तिष्क पढ़े हुए को किसी कम्प्यूटर मेमोरी की तरह फीड करता रहता है. ऐसे में आंखों की मांसपेशियां शिथिल पड़ने लगती हैं और दिमाग थोड़ी ही देर में मेहनत से नकारने लगता है और हमें नींद आने लगती है.
शरीर रहता है आराम की मुद्रा में
पढ़ते वक्त नींद आने की एक दूसरी वजह यह भी है कि पढ़ाई के दौरान हमारा ज्यादातर शरीर आराम की मुद्रा में होता है और सिर्फ आंखें और दिमाग ही काम कर रहे होते हैं. ऐसे में पूरे शरीर के रिलैक्स होने की वजह से मांसपेशियां शिथिल पड़ने लगती हैं और नींद आने लगती है. यही वजह है कि एक्सपर्ट्स पढ़ने के लिए एक मुद्रा में बैठने की सलाह देते हैं.
नींद न आने के लिए क्या करें?
इसके लिए सुनिश्चित करें कि पढ़ने की जगह अच्छी रोशनी रखनी चाहिए.
पढ़ने की जगह बाहर की हवा और रोशनी पहुंचनी चाहिए, ताकि बाहर की हवा और रोशनी से शरीर में ताजगी बनी रहे.
बिस्तर में बैठ कर कभी न पढ़ें, इसकी जगह कुर्सी-टेबल पर पढ़ने का अभ्यास करें. इससे कुर्सी और टेबल देख आपका दिमाग पढ़ने के लिए तैयार हो जाएगा और आलस्य त्याग देगा.
पढ़ाई शुरू करने से पहले हल्का भोजन करें ताकि सुस्ती महसूस न हो.