बिलासपुर | CG News: करोड़ों के मेंटेनेंस के बाद शहर की बिजली व्यवस्था मंगलवार शाम करीब आधे पौन घण्टे की आंधी बारिश से ठप हो गई। सबस्टेशनों व शिकायत सेंटरो में हलाकान लोग पूछते रहे की फाल्ट आने पर जिम्मेदार अफसर न सामने आते न कॉल रिसीव करते ऐसे ठेकेदारी का क्या मतलब जो पैसा पूरा ले पर लोगो की समस्या का निदान तक न कर सके।
क्योंकि पब्लिक तो पैसा दे रही है। फिर ऐसे ठेकेदारी से क्या मतलब किसी ने सुबह बच्चों की परीक्षा का हवाला दे सेंटर में बैठे ठेका कर्मी पर गुस्सा उतारा तो किसी ने घर मे बुजुर्गों की तबियत का हवाला दे। तो किसी ने साहब और ठेकेदारों की मिलीभगत का आरोप लगा कहा कि ऐसे लोगो को ठेका क्यो जिनके पास न दिए गए लिस्ट के मुताबिक कर्मचारी है और न वाहन।
साहब लोग नकद और सेवा से खुश हो सब ढांप रहे तो ठेकेदार भी गणपति वाला परिक्रमा सीख गए है वही सारी भक्ति उतार दे रहे आखिर मिलना भी तो उन्ही के चिड़िया बिठाने के बाद है रही पब्लिक तो पब्लिक को तो गुस्सा जताने का अधिकार है ही उनका झेलने के लिए दस हजारी स्टाफ भी बिठा दिए है सो टेंशन ही नही है।