सीरियल बम ब्लास्ट मामले में मास्टरमाइंड कुख्यात आतंकी सैयद अब्दुल करीम टुंडा सहित तीन के खिलाफ अजमेर की टाडा कोर्ट (Ajmer TADA Court) आज अपना अंतिम फैसला सुनाया ।1993 में 5 शहरों में हुए सीरियल ब्लास्ट केस में आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को गुरुवार को अजमेर की टाडा कोर्ट ने बरी कर दिया है। दो आतंकवादियों इरफान और हमीदुद्दीन को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
आपको बता दे बाबरी मस्जिद विध्वंस की पहली बरसी पर राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन में सीरियल बम ब्लास्ट की घटना हुई थी. मामले में सभी जांच एजेंसियों ने अनुसंधान किया. सीबीआई अनुसंधान अधिकारी ने डॉ. मोहम्मद जलीस अंसारी सहित करीब 17 आरोपियों को गिरफ्तार कर आरोप पत्र पेश किया था. सुनवाई के दौरान आरोपी अंसारी का साथी इमरान अंतरिम जमानत पर रिहा होने के बाद फरार हो गया था. इससे इमरान के अलावा बाकी के खिलाफ अलग से सुनवाई हुई. आरोपियों के साथ वारदात में शामिल सैयद अब्दुल करीम उर्फ टुंडा और हमीदुद्दीन उर्फ हमीद पर मामला दर्ज होने के बाद से फरार हो गए थे. इस दौरान डॉ. अंसारी सहित 16 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई पूरी होने पर फैसला सुना दिया गया था.
2014 में गिरफ्तार हुआ था टुंडा
अब्दुल करीम टुंडा सहित तीन के खिलाफ अजमेर की टाडा कोर्ट ने फैसला सुनाया . इस मामले में आरोपी हमीद उर्फ हमीमुद्दीन 10 जनवरी 2010 को गिरफ्तार हुआ था. जांच एजेंसी सीबीआई ने उस समय चार्जशीट पेश कर दी थी. इसके बाद आरोपी इरफान अहमद गिरफ्तार हुआ. सीबीआई ने आरोपी इरफान के खिलाफ पूरक चार्जशीट पेश की थी. मुख्य आरोपी यूपी आजमगढ़ निवासी अब्दुल करीम टुंडा 10 जनवरी 2014 को गिरफ्तार हुआ था. सीबीआई को कोर्ट में उसके खिलाफ पूरक चार्जशीट पेश करनी थी, लेकिन दस साल तक बगैर चार्जशीट के ही अब्दुल करीम टुंडा के खिलाफ टाडा कोर्ट में केस चला. कोर्ट फैसले के करीब पहुंच गया.
नेपाल बॉर्डर से हुई थी गिरफ्तारी
दिल्ली में 1997 में बम धमाके की घटना में दिल्ली पुलिस की ओर से पकड़े गए एक युवक ने पूछताछ में खुलासा किया था कि धमाकों के पीछे यूपी के आजमगढ़ निवासी अब्दुल करीम टुंडा है, जो अब पाकिस्तान के कराची शहर में रह रहा है. 2014 में दिल्ली पुलिस ने टुंडा को उस समय नेपाल बॉर्डर से दबोच लिया था