देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष (2023-24) की तीसरी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में बढ़कर 8.4 प्रतिशत रही है.
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राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर, 2023) में 8.4 प्रतिशत रही है. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में ये 4.3 प्रतिशत रही थी । जीडीपी वृद्धि एक निश्चित अवधि में वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य में वृद्धि को बताती है।
7.4% रहा, इसका 6.8% रहने का अनुमान था
पिछली तिमाही में ग्रॉस वैल्यू ऐडेड, यानी GVA दूसरी तिमाही में 7.4% रहा। इसका 6.8% रहने का अनुमान था। वहीं पहली तिमाही में GVA 7.8% रहा था। एक साल पहले समान तिमाही में ग्रोथ रेट 5.4% था।
वित्तीय घाटा: ₹8.04 लाख करोड़ हो गया, लक्ष्य के 45% पर पहुंचा
उधर, अप्रैल से अक्टूबर तक वित्तीय घाटा बजट बढ़कर 8.04 लाख करोड़ रुपए हो गया। ये बजट अनुमान का 45% है। वित्तीय घाटे का लक्ष्य 17.86 लाख करोड़ रुपए है। पिछले साल इसी अवधि में घाटा 2022-23 के बजट अनुमान का 45.6% था। सरकार आय के मुकाबले जितना ज्यादा खर्च करती है, उसे वित्तीय घाटा कहा जाता है।
एक साल पहले यानी 2022-23 की तीसरी तिमाही में GDP महज 4.5% बढ़ी
पिछली तिमाही में GDP 7.6% रही थी। उम्मीद से ज्यादा ग्रोथ की वजह मजबूत शहरी खपत, मैन्युफैक्चरिंग और उच्च सरकारी खर्च था। वहीं एक साल पहले यानी 2022-23 की तीसरी तिमाही में GDP महज 4.5% बढ़ी थी। GDP ग्रोथ RBI के अनुमान से बेहतर है। RBI ने तीसरी तिमाही में GDP ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान जताया था।