जांजगीर चाम्पा। अगर कोई आम नागरिक सड़क पर यातायात नियम का पालन नहीं करेगा तो इसके खिलाफ विभाग द्वारा यातायात नियमों का अवेहलना करने पर कार्रवाई की जावेगी या फिर जुर्माना लिए जायेंगे। पर कोई अधिकारी सरकारी नियमों को नजरअंदाज करे तो कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति। फिर सरकार के ऐसे नियम का क्या मतलब है ? ऐसा ही मामला जिला मुख्यालय जांजगीर में महिला बाल विकास अधिकारी के गाड़ी का है। लगता है उन्हें सरकारी नियमों की कोई परवाह नहीं है। उक्त अधिकारी बिना नंबर प्लेट के शहर में फर्राटे भर रहे हैं ।
ज्ञात हो कि जिले में लगभग एक वर्ष पूर्व बिना नंबर प्लेट के गाड़ी चलाना बंद कर दिया गया है, उसके बावजूद मुख्यालय में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास के वाहन पर नंबर प्लेट नहीं लगा है। यहां साल भर पूर्व पहले दो पहिया और चार पहिया वाहनों के साथ सभी वाहनों के लिए नंबर प्लेट अनिवार्य किया गया था। परिवहन विभाग द्वारा नंबर प्लेट न लगाने वालों पर जुर्माने की कार्रवाई भी हो रही है, लेकिन यहां ऐसा लगता है कि विभाग की कार्रवाई भेदभाव पूर्ण दिखाई दे रही है। बिना नंबर प्लेट को लेकर विभाग आम लोगों पर तो कार्रवाई कर रह है, लेकिन सरकारी विभागों में चलने वाले वाहनों पर कारवाई को लेकर विभाग उदासीन है। यहां जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास अधिकारी के वाहन पर ही नंबर प्लेट नहीं लगा है। जिला परिवहन विभाग भी आम लोगों पर तो कार्रवाई करता है। इस सम्बंध में जिला परिवहन अधिकारी यशवंत यादव का कहना है कि नंबर प्लेट लगाने के लिए लगातार प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। पर उक्त अधिकारी के वाहन के खिलाफ कारवाई पर स्पष्ट कुछ नहीं कहा।