चीन (China) से कराची जा रहे एक जहाज को भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने मुंबई के न्हावा शेवा बंदरगाह पर रोका है. अधिकारियों के मुताबिक, शक है कि इसमें दोहरे उपयोग वाली खेप है, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान (Pakistan) के परमाणु और बैलेस्टिक कार्यक्रम के लिए किया जा सकता था
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation) की टीम ने भी भेजे गए सामान का निरीक्षण किया और प्रमाणित किया कि इसका इस्तेमाल पड़ोसी देश अपने परमाणु कार्यक्रम के लिए कर सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह उपकरण पाकिस्तान के मिसाइल विकास कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण भागों के निर्माण में उपयोगी होगा. सीएनसी मशीनों को 1996 से ही वासेनार व्यवस्था में शामिल किया गया है. यह एक अंतरराष्ट्रीय हथियार नियंत्रण व्यवस्था है, जिसका उद्देश्य नागरिक और सैन्य उपयोग वाले उपकरणों के प्रसार को रोकना है
पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
यह पहला मामला नहीं है जब भारतीय बंदरगाह अधिकारियों ने चीन से पाकिस्तान भेजी जा रही ऐसे दोहरे उपयोग वाली सैन्य-ग्रेड वस्तुओं की जब्ती की है. पाकिस्तानी रक्षा आपूर्तिकर्ता कॉसमॉस इंजीनियरिंग 12 मार्च 2022 से निगरानी सूची में है, जब भारतीय अधिकारियों ने न्हावा शेवा बंदरगाह पर इटली में निर्मित थर्मोइलेक्ट्रिक उपकरणों की एक खेप को रोका था. अधिकारियों ने कहा चिंता जताते हुए कहा कि पाकिस्तान, यूरोप और अमेरिका से प्रतिबंधित वस्तुओं को प्राप्त करने के लिए चीन का उपयोग माध्यम के रूप में कर सकता है, जिससे पहचान छिपाई जा सके