राजिम कुंभ कल्प में आज से विराट संत समागम का आयोजन होगा, जिसमें विभिन्न धार्मिक स्थलों से साधु-संत शामिल होंगे। राजिम कुंभ में संतों का आगमन शुरू हो गया है।संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, सहित छत्तीसगढ प्रदेश के अन्य मंत्री एवम विधायक भी होंगे संत समागम के शुभारंभ में शामिल होंगे ।
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संत-समागम की शासन-प्रशासन द्वारा पूरी तैयारियां कर ली गई है। लोमश ऋषि आश्रम में सिरकट्टी आश्रम, उत्तर प्रदेश, झांसी, गरियाबंद, राजनांदगांव, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, दामाखेड़ा, चण्डी से लगभग 70 संत पहुंचे हैं। झांसी से पहुंचे भैयादास महंत ने बताया कि हमें यहां आये लगभग एक सप्ताह हो गये हैं। प्रतिदिन सुबह छत्तीसगढ़ की सुख-समृद्धि के लिए यज्ञ कर रहे हैं। राजिम कुंभ कल्प नामकरण की सार्थकता यहां आने के बाद पता चली।
अस्त्र शस्त्र का प्रदर्शन: पेशवाई के दौरान नागा साधुओं ने करतब दिखाए और शस्त्र प्रदर्शन किया. अखाड़ों को देखने और नागा साधुओं का आशीर्वाद लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. पेशवाई यात्रा में अलग अलग अखाड़ों के नागा-साधु, सन्यासी अपने पारंपरिक श्रृंगार के साथ अस्त्र शस्त्र का प्रदर्शन करते दिखे. पेशवाई यात्रा को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए.
संतों के भव्य स्वागत के लिए तैयार हुई कुंभ नगरी राजिम
राजिम कुंभ कल्प मेला में जूना, अग्नि और आह्वान अखाड़ों के नागा संत-सन्यासियों सहित महात्माओं ने भगवान दत्तात्रेय का आह्वान करते हुए पेशवाई निकाली। यह पेशवाई दत्तात्रेय मंदिर से शस्त्र पूजन कर आरंभ किया गया। पेशवाई दत्तात्रेय मंदिर से प्रारंभ होकर सुंदरलाल शर्मा चौक, व्हीआईपी मार्ग, राजिम-नवापारा पुल, इंदिरा मार्केट से मेला मैदान होते हुए संत समागम स्थित अपने पंडाल में पहुंची, जहां विधि-विधान पूर्वक पूजा-अर्चना कर भगवान दत्तात्रेय को स्थापित किया गया।