नागेश तिवारी.राजिम। Rajeev Lochan Temple : छत्तीसगढ़ के प्रयागराज धर्म नगरी राजिम की पहचान भगवान श्री राजीव लोचन मंदिर प्रचीन भारतीय सभ्यता का जीता जागता प्रमाण है, इसकी भव्यता देखते ही बनती है।
छत्तीसगढ़ के प्रयाग के रूप में प्रख्यात राजिम की ख्याती राजीव लोचन मंदिर व यहां विराजे भगवान विष्णु के साथ जुड़ी है। वहीं नदी के दूसरी ओर कुलेश्वर महादेव का मंदिर इस प्राचीन नगरी को अदभुत बनाती है। राजिम का राजीव लोचन मंदिर आठवीं शताब्दी का है। इसके जन्मदिन के अवसर पर प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक मेला आयोजित किया जाता है।
Rajeev Lochan Temple : धर्म नगरी राजिम का प्राचीन नाम कमलक्षेत्र है। ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के आरम्भ में भगवान विष्णु के नाभि से निकला कमल यहीं पर स्थित था और ब्रह्मा जी ने यहीं से सृष्टि की रचना की थी। इसीलिए इसका नाम कमलक्षेत्र पड़ा। राजिम में महानदी, पैरी नदी तथा सोढू़र नदी का संगम होने के कारण यह स्थान छत्तीसगढ़ का त्रिवेणी संगम कहलाता है। संगम के मध्य में कुलेश्वर महादेव का विशाल मंदिर स्थित है। कहा जाता है कि वनवास काल में श्री राम ने इस स्थान पर अपने कुलदेवता महादेव की पूजा की थी।
ड्रोन कैमरे में दिखी नगर की भव्यता
Rajeev Lochan Temple : राजिम नगरी की भव्यता को ड्रोन कैमरे की नजर से देखने का प्रयास किया गया। इस दौरान धर्म नगरी की भव्यता देखते ही बनती है। आसमान की ऊंचाई से राजीव लोचन मंदिर से लेकर महानदी व पूरा नगर एक खास स्वरूप में नजर आया।