सौरभ शुक्ला ने अपने करियर की शुरुआत 1984 में थियेटर से की। सिनेमा में सबसे पहला मौका उन्हें शेखर कपूर ने फिल्म बैडिंट क्वीन में दिया। इसके साथ ही वह टीवी शोज में भी नजर आए।एक्टर सौरभ शुक्ला आज अपना 61वां जन्मदिन मना रहे हैं। सौरभ शुक्ला अपनी एक्टिंग से कई बार फिल्मों के लीड एक्टर्स पर भी भारी पड़े हैं।
सौरभ शुक्ला का जन्म आज ही के दिन 5 मार्च 1963 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुआ था। सौरभ के जन्म के दो साल बाद ही उनका परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया था। इसके बाद उनकी पूरी परवरिश दिल्ली में हुई। सौरभ शुक्ला ने अपनी स्कूल की पढ़ाई दिल्ली से और ग्रेजुएशन खालसा कॉलेज से किया था।
शुक्ला ने जस्टिस सुंदरलाल त्रिपाठी का किरदार निभाया
जॉली एलएलबी में सौरभ शुक्ला ने जस्टिस सुंदरलाल त्रिपाठी का किरदार निभाया था। अमर उजाला को दिए इंटरव्यू में सौरभ बताते हैं कि फिल्म में उनके किरदार को सभी ने पसंद किया। रोचक बात ये है कि असल जिंदगी में वे कभी कोर्ट नहीं गए। इसके लिए उन्हें निर्देशक सुभाष कपूर ने बहुत मदद की। उन्होंने ही उन्हें सारे किस्से सुनाए।
मेरे करियर की दूसरी पारी फिल्म बर्फी से शुरू हुई
सौरभ शुक्ला सीरियल और थियेटर नाटकों में व्यस्त रहे। इस बीच 1998 में उन्हें सबसे बड़ा ब्रेक राम गोपाल वर्मा ने अपनी फिल्म सत्या में दिया, जिसमें वह गैंगस्टर कल्लू मामा के रोल से दिखे। फिल्म के बाद सौरभ शुक्ला कल्लू मामा के नाम से मशहूर हो गए। हालांकि उनका खुद का मानना है कि इससे उनके करियर को बहुत ज्यादा फायदा नहीं हुआ। एक इंटरव्यू में सौरभ कहते हैं कि ‘सत्या के बाद मुझे वैसा काम नहीं मिल रहा था जैसा मैं चाहता था। इसके लिए मुझे 10 साल का इंतजार करना पड़ा। लोग मेरे काम की तारीफें तो करते थे लेकिन काम नहीं मिलता था। 10 साल मेरे लिए बहुत मुश्किलों भरे रहे। मेरे करियर की दूसरी पारी फिल्म बर्फी से शुरू हुई। उसके बाद जॉली एलएलबी ने सबकुछ बदल दिया और कई अच्छी फिल्में मिलीं।’