गरियाबंद, 07 / ग्राम पंचायत कोपरा में पंचायत सचिव के रूप में पदस्थ किषन साहू को वित्तीय अनियमितता, पंचायत के ऑडिट में गड़बड़ी, शासकीय कार्यो में अरूचि, पद का दुरूपयोग, शासकीय दस्तावेजों में कूटरचना सहित राष्ट्रीय कार्यक्रम जल जीवन मिशन को गंभीरतापूर्वक संचालित नहीं करने एवं दायित्वों के विपरित पंच को पद से हटाने के मामले में बर्खास्त कर दिया गया है। इस संबंध में जिला पंचायत सीईओ ने आदेश जारी किये है। उक्त प्रकरण अंतर्गत कोपरा के सरपंच-सचिव द्वारा 15वें वित्त मद से बिना स्वीकृति राशि आहरण करने पर कुल 69 लाख 52 हजार 278 रूपये की वसूली भी की जायेगी। इसमें से सरपंच श्रीमती राजेश्वरी साहू से 34 लाख 76 हजार 139 रूपये एवं सचिव किशन लाल साहू से 34 लाख 76 हजार 139 रुपये की वसूली की जायेगी। इस संबंध में जिला पंचायत सीईओ ने एसडीएम राजिम को पत्र जारी कर उक्त राशि वसूली करने के निर्देश दिये।
जिला पंचायत सीईओ ने बताया कि सचिव किशन साहू द्वारा अपने पदीय दायित्वों के विपरीत वार्ड क्रमांक 06 के पंच श्रीमती दिलेश्वरी पटेल को धारा-36 के तहत पंच पद से बर्खास्त कर दिया गया था। तत्संबंध में उन्हें कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया, उनके द्वारा पत्र का जवाब नहीं दिया गया। उन्होंने ग्राम पंचायत के मासिक बैठक में वार्ड क्रमांक 06 के पंच श्रीमती दिलेश्वरी पटेल एवं वार्ड कमांक 07 के पंच श्री अजय साहू को अकारण ही बैठक की सूचना नहीं दी। साथ ही बैठक में भाग लेने से रोका गया। उनके द्वारा 15वें वित्त आयोग वित्तीय वर्ष 2021-22 का ऑनलाईन आडिट निर्धारित समय-सीमा में नही कराया गया। तत्संबंध में जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब प्रस्तुत नही किया गया। उन्हें निरंतर चेतावनी देने के उपरांत भी उनके द्वारा लगातार विधिसम्मत कार्य संपादन नहीं किया गया। इसके फलस्वरूप छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा (अनुशासन तथा अपील) नियम 1999 में निहित प्रावधानों के तहत किशनलाल साहू, ग्राम पंचायत सचिव के विरूद्व विभागीय जांच संस्थित किया गया है। विभागीय जॉच में श्री किशनलाल साहू, सचिव ग्राम पंचायत कोपरा द्वारा छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 36 में उल्लेखित प्रावधानों के विपरित स्वयं एवं सरपंच के संयुक्त हस्ताक्षर से दिनांक 20.05.2023 को वार्ड क्रमांक 06 के पंच श्रीमती दिलेष्वरी पटेल को उनका पंच पद रिक्त होने की सूचना दिया जाना पाया गया।
दिनांक 27.05.2023 को आहूत बैठक की सूचना जानबूझकर पंच श्रीमती दिलेष्वरी पटेल एवं पंच श्री अजय साहू को नहीं दिया जाना, नियत तिथि को उपस्थित रहने पर संबंधितों को बैठक में भाग लेने से मना किया जाना, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत फिंगेष्वर तथा जिला अंकेक्षक से दूरभाष पर चर्चा उपरांत प्रस्ताव कमांक 01 पारित कराया जाकर उन्हें बैठक में भाग लेने की अनुमति प्रदाय किया जाना पाया गया।
वर्ष 2021-22 के 15 वें वित्त के आडिट की पूर्व सूचना होने के बावजूद भी नियत दिनांक 23.05.2023 को उपस्थित नहीं होना, पूर्व सचिव श्री जागेश्वर साहू से दिनांक 06.06.2023 को रोकड़पंजी, व्हाउचर फाईल प्राप्ति उपरांत भी ऑडिट हेतु दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराना, तत्संबंध में जिला पंचायत गरियाबंद के पत्र क्रमांक 1854 दिनांक 22.06.2023 द्वारा जारी कारण बताओ सूचना पत्र का जवाब प्रस्तुत नहीं किया जाना पाया गया। कार्यालय सहायक अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी उप खण्ड राजिम द्वारा पत्राचार ( पत्र क्रमांक 492 दिनांक 23.03.2023 एवं पत्र कमांक 793 दिनांक 01.05.2023 ) करने के बावजूद भी राष्ट्रीय कार्यक्रम जल जीवन मिशन के तहत पाईप लाईन विस्तार कार्य प्रारंभ करने हेतु अनुमति प्रदान करने बाबत् प्रस्ताव पारित कराये जाने में कोई रूचि नहीं लिया जाना पाया गया है। छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 44 (3) में उल्लेखित प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए दिनांक 22.10.2022 को आयोजित ग्राम पंचायत की मासिक बैठक कोरम के अभाव में 11 बजे स्थगित करते हुए पुनश्च स्थगित बैठक 01 घंटे उपरांत 12 बजे से प्रारंभ किया जाना पाया गया। जिसकी जानकारी अन्य पंचों को नहीं दिया जाना पाया गया।
दिनांक 31.10.2022 को आयोजित ग्राम पंचायत की मासिक बैठक में एजेण्डा क्रमांक 01 में आय-व्यय की जानकारी के पश्चात कूटरचना करते हुए “एवं“ शब्द लिखा जाकर शा.प्रा.शाला भाठापारा आहाता निर्माण का कार्य का मूल्यांकन के आधार पर राशि भुगतान करने हेतु चर्चा, लिखना पाया गया। ग्राम पंचायत कार्यवाही पंजी विषय कमांक 03 में ग्राम पंचायत के आय-व्यय की जानकारी में आय पक्ष में विशिष्टियाँ / मदों का उल्लेख न करते हुए मात्र राशि का ही उल्लेख किया गया है, जो कि छत्तीसगढ़ ग्राम पंचायत (लेखा) नियम 1999 के प्रावधानों के सर्वथा विपरित है। प्रस्ताव कमांक 05 06 08, 10, 14 में भुगतान हेतु पारित प्रस्ताव में कार्यमद एवं राशि का उल्लेख नहीं किया गया है, जो कि प्रावधानों का सर्वथा उल्लंघन किया जाना पाया गया। इसी प्रकार प्रस्ताव क्रमांक 16 में राशि आहरण का प्रस्ताव किया गया है, किंतु किस मद व किस प्रयोजन हेतु राशि आहरण किया जाना है, विशिष्टियों का उल्लेख नहीं किया गया है। विभागीय जॉच के दौरान कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1357 दिनांक 15.09.2023 एवं पत्र क्रमांक 1369 दिनांक 22.09.2023 के द्वारा प्रस्ताव क्रमांक 16 के संबंध में प्रमाणक की छायाप्रति कार्यों का तकनीकी प्राक्कलन, प्रशासकीय स्वीकृति की प्रति उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किए जाने के बावजूद भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया।
ई-ग्राम स्वराज ऑनलाईन पोर्टल में सचिव द्वारा अपने कार्यावधि में 15वें वित्त मद से वित्तीय वर्ष 2022-23 में 31 लाख 81 हजार 344 रूपये एवं वित्तीय वर्ष 2023-24 में 37 लाख 70 हजार 934 रूपये कुल 69 लाख 52 हजार 278 रूपये आहरण / व्यय किया गया है, जिसका कोई प्रमाणक कार्यों के संबंध में तकनीकी स्वीकृति प्रशासकीय स्वीकृति, निर्माण पंजी, अनुदान पंजी अथवा कोई दस्तावेज प्रस्तुत ही नहीं किया गया है। उनके द्वारा 15वें वित्त योजना की राशि आहरण में घोर वित्तीय अनियमितता की गई है।
सचिव एवं सरपंच श्रीमती योगेश्वरी साहू से उक्तानुसार अनियमित रूप से आहरण / व्यय राशि 69, लाख 52 हजार 278 रूपये छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत वसूली योग्य पाया गया। दिनांक 13.12.2022 को आयोजित बैठक एजेण्डा क्रमांक 11 में नियत विषय के स्थान पर तथा एजेण्डा क्रमांक 12 में मद एवं विशिष्टियों का उल्लेख नही करते हुए भुगतान हेतु प्रस्ताव पारित किया जाना तथा बैठक की विषय वस्तु में शामिल किए बगैर एजेण्डा क्रमांक 13 में वित्तीय मामले में प्रस्ताव पारित कराया गया है। जो कि छत्तीसगढ़ पंचायत (सम्मिलन की प्रक्रिया तथा कामकाज का संचालन) नियम 1994 में निहित प्रावधानों का स्पष्टतः उल्लंघन है। वित्तीय मामले से संबंधित विषय वस्तु बैठक के एजेण्डा में शामिल किए बगैर दिनांक 14.01.2023 की बैठक में एजेण्डा क्रमांक 04 एवं एजेण्डा क्रमांक 06 में प्रस्ताव पारित कराया जाना तथा नियत 10 एजेण्डा में कार्यवाही / प्रस्ताव उपरांत उपस्थित पंचों का हस्ताक्षर कराये जाने के पश्चात कूटरचना करते हुए अगले पेज में प्रस्ताव क्रमांक 11 12 एवं 13 में राशि भुगतान हेतु प्रस्ताव पारित लेख किया गया है, जो कि वित्तीय मामले के विषय एजेण्डा में शामिल ही नहीं किया जाना पाया गया। सचिव द्वारा छत्तीसगढ़ पंचायत (सम्मिलन प्रक्रिया तथा कामकाज का संचालन) नियम 1994 में निहित प्रावधानों का उल्लंघन किया जाना पाया गया है। सचिव के विरूद्ध अधिरोपित समस्त 11 आरोप प्रमाणित पाया गया है।
इसके पूर्व भी कार्यालयीन आदेश कमांक 5610 दिनांक 20.01.2022 के द्वारा सचिव श्री किशनलाल साहू ग्राम पंचायत छिंदौला, जनपद पंचायत गरियाबंद में पदस्थापना के दौरान ग्राम पंचायत छिंदौला में शासकीय राशि के दुरूपयोग करने, नवनिर्वाचित सरपंच को संपूर्ण प्रभार देने में छल कपट किये जाने, नवनिर्वाचित सरपंच के प्रभार ग्रहण उपरांत भी पूर्व सरपंच के डी.एस.सी. का उपयोग करते हुए 14वें वित्त की राशि 7,17,514 रू. आहरण करने, 14वें वित्त मद से आंगनबाड़ी भवन निर्माण हेतु 1,50,000 रू. शौचालय निर्माण हेतु 3,33,000 रू., सामुदायिक भवन निर्माण हेतु 1,10,000 रू. बिना पंचायत प्रस्ताव के राशि आहरण कर कूटरचनापूर्वक व्यय करने, जिला पंचायत विकास निधि अंतर्गत स्वीकृत महिला स्व सहायता समूह भवन की प्रथम किश्त की राशि 80,000रू. आहरण कर कार्य नहीं कराये जाने के फलस्वरूप निलंबित करते हुए विभागीय जांच किया गया है।
विभागीय जाँच में श्री किशन लाल साहू के द्वारा 14वें वित्त अंतर्गत राशि 13 लाख 20 हजार 437 रूपये रोकड़ पंजी में इंद्राज नहीं किया जाना अंकेक्षण के दौरान संपरीक्षण द्वारा हाफ मार्जिन नोटिस दिये जाने के उपरांत भी नया रोकड़ पंजी तैयार किया जाना, नवनियुक्त सरपंच के पदभार ग्रहण करने के पश्चात भी पूर्व सरपंच का डी. एस. सी. उपयोग कर 4 लाख 17 हजार 514 रूपये का भुगतान किया जाना, जिला पंचायत विकास निधि मद से 80 हजार रूपये बिना कार्य कराये अनियमित व्यय करना, स्वच्छ भारत मिशन की राशि मिलने के उपरांत भी 14वें वित्त मद की राशि 3 लाख 82 हजार 400 रूपये का अतिरिक्त व्यय करना, आंगनबाड़ी भवन निर्माण में 1 लाख 50 हजार रूपये का अतिरिक्त व्यय किया जाना एवं सामुदायिक भवन निर्माण हेतु राशि 1 लाख 10 हजार रूपये का अतिरिक्त भुगतान कुल 14 लाख 99 हजार 914 रूपये का अनियमित भुगतान किया जाना प्रमाणित पाया गया। सरपंच एवं सचिव से उक्त अनियमित राशि वसूली हेतु प्रकरण कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (रा.) गरियाबंद में प्रचलित है।
संबंधित सचिव का आगामी 03 वार्षिक वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोकते हुए तथा भविष्य में उक्त कृत्यों की पुनरावृत्ति नहीं करने एवं उक्त कृत्यों की पुनरावृत्ति किये जाने पर एकपक्षीय कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही करने हेतु चेतावनी दिया गया था। बावजूद इसके सचिव श्री किशनलाल साहू द्वारा अपनी कार्यशैली में कोई सुधार नहीं लाया गया। अपितु उनके द्वारा अपने पदस्थापना ग्राम पंचायत में निरंतर शासकीय राशि का दुरूपयोग एवं वित्तीय अनियमितता किया गया है। उनका यह कृत्य ग्राम पंचायत सचिव पदीय कर्तव्य-दायित्वों के प्रति लापरवाही, स्वेच्छाचारिता एवं कार्यशैली में सुधार न किया जाना अनुशासनहीनता एवं हठधर्मिता का प्रतीक है। अतएव श्री किशनलाल साहू, ग्राम पंचायत सचिव के उक्त कृत्यों को दृष्टिगत रखते हुए तथा जनहित के दृष्टिकोण से उनका ग्राम पंचायत सचिव के पद पर बने रहना वांछनीय नही होने के फलस्वरूप उन्हें छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा (अनुशासन तथा अपील) नियम 1999 के भाग तीन नियम 5 (छ) के तहत् एतद् द्वारा ग्राम पंचायत सचिव (पंचायतकर्मी) के पद से बर्खास्त किया जाता है।