गरियाबंद| शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर ग्राम मरौदा स्थित भूतेश्वरनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। हजारों की संख्या में दूर दराज से आए शिवभक्त जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक से भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर और सुख समृद्धि की कामना कर रहे है।
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित इस शिवलिंग को यहां भूतेश्वरनाथ के नाम से पुकारा जाता है। जिसे भकुर्रा भी कहा जाता है द्वादश ज्योतिर्लिंगों की भांति छत्तीसगढ़ में इसे अर्धनारीश्वर शिवलिंग होने की मान्यता प्राप्त है।सबसे आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि इस शिवलिंग का आकार लगातार हर साल बढ़ रहा है। संभवतः इसीलिए यहां पर हर साल आने पैदल आने वाले भक्तों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। छत्तीसगढ़ी भाषा में हुकारने की आवाज को भकुर्रा कहते हैं, इसी से छत्तीसगढ़ी में इनका नाम भकुर्रा पड़ा है।
उल्लेखनीय है कि ज़िला मुख्यालय से 3 किमी दूर स्थित विश्व प्रसिद्ध शिवलिंग भूतेश्वरनाथ धाम विश्व के विशालतम शिवलिंग होने की ख्याति प्राप्त करने के साथ ही अंचल में धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र बन चुका है। हर साल यहां शिवरात्रि पर मेला लगता है, जिसमें यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ दर्शन के लिए पहुंचती है। सुबह 5 बजे से ही भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो जाता है, जो देर रात तक चलता रहता है। इस दौरान आसपास के ग्रामीण अंचल सहित छुरा, मैनपुर, देवभोग, फिंगेश्वर, राजिम के अलावा जिले से लगे महासमुंद, धमतरी, रायपुर तथा दुर्ग भिलाई, राजनांदगांव आदि जिलों से हजारों की संख्या में यहां शिव भक्त पहुंचते है। कल गुरूवार को भक्तों ने गुलाल से पूरे शिवलिंग को रंगा गया और आतिशबाजी के साथ पूजा की शुरुआत किए
रायपुर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 95 किमी दूर गरियाबंद गांव के पास स्थित भूतेश्वरनाथ महादेव शिवलिंग को विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग माना जाता है। इसे छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड की सूची में शामिल किया गया है। कहा जाता है कि बहुत पहले शिवलिंग की ऊंचाई 3 फीट थी और अब इसकी ऊंचाई करीब 55 फीट हो गई है।
20 सालों में कितनी बढ़ी शिवलिंग की ऊंचाई…
शिवलिंग का आकार हर साल बढ़ने के बारे में भूतेश्वरनाथ महादेव भंडारा प्रमुख प्रकाश चंद रोहरा ने बताया कि 2020 में समिति के लोगों ने इस शिवलिंग कि ऊंचाई सबके सामने मापी थी, तब इसकी ऊंचाई लगभग 55 फीट थी और गोलाई 220 रोहरा का यह भी कहना है कि पूर्व में जब वह इस शिवलिंग पर तिलक करने सीढ़ी में मात्र पांच पायदान चढ़ने पड़ते थे परंतु वर्तमान में लगभग 18 से 20 पायदान चढ़ना पड़ते है।
मान्यता
रोजाना रात को आती है बैलों के बोलने की आवाज
लोगों के बीच यह भी चर्चा होती है कि जिस जगह पर यह शिवलिंग है, वहां रोज रात को बैलों के बोलने की आवाज आती है। बैलों के बोलने को वहां के आम लोग भुकराना भी कहते हैं, इसलिए इस जगह का नाम भकुर्रा महादेव भी है।
कैसे पहुँचे
बाय एयर
स्वामी विवेकानन्द अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा रायपुर से 89.1 किमी.
ट्रेन द्वारा
रायपुर रेल्वे स्टेशन से 103 किमी.
सड़क के द्वारा
पंडरी बस स्टैंड रायपुर से 100 किमी.
भूतेश्वरनाथ महादेव के भंडारा समिति प्रमुख प्रकाश चंद रोहरा ने बताया कि लोग अपनी मन्नतें लेकर दूर-दूर से यहां आते है।और उनके परिवार के द्वारा पिछले 25 सालो से भंडारा का आयोजन किया जा रहा है श्री रोहरा ने कहा प्रसादी वितरण का आयोजन उनके पिता सवर्गीय बखतमल रोहरा ने 50 लोगो से की थी और आज हज़ारो लोगो को उनके परिवार की ओर से भंडारा में प्रसाद वितरण किया जाता है