रायपुर। CG BIG BREAKING : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलियों का आतंक लगातार बढ़ते ही जा रहा है, बता दें खूंखार नक्सलियो ने बीते कुछ दिनों में बीजापुर में दो बीजेपी नेताओं को मौत के घाट उतार दिया था. इस घटना के बाद इलाके में रहने वाले भाजपा नेताओं में भय का माहौल है, वहीं इसी बीच राज्य सरकार ने बस्तर संभाग के 43 बीजेपी नेताओं के सुरक्षा के लिए X श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला लिया है।
इन नेताओं को मिली X श्रेणी की सुरक्षा, देखें लिस्ट-
CG BIG BREAKING : छत्तीसगढ़ से बड़ी खबर; खूंखार नक्सलियों के बौखलाहट के बीच BJP के इन 43 नेताओं को मिली X श्रेणी की सुरक्षा
CG BIG BREAKING : राज्य सरकार द्वारा बस्तर संभाग के सुकमा जिले के बीजेपी जिला अध्यक्ष धनीराम बारसे को Y प्लस श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराने जा रही है। आज जारी सुरक्षा वाली लिस्ट में उन नेताओं को भी शामिल किया गया है जिन पर पहले भी नक्सली हमले हो चुके हैं या नेताओं को जान से मारने की धमकी दी जा चुकी है। राज्य सरकार जल्द ही इन सभी नेताओं को X श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराने जा रही है।
जानिए क्या है X, Y, Z और Z+ सिक्योरिटी का घेरा
Z+ (उच्चतम स्तर)
Z सिक्योरिटी
वाई सिक्योरिटी
वाई+ सिक्योरिटी
X सिक्योरिटी
इस सुरक्षा के अंतर्गत शामिल व्यक्तियों में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, भारतीय सशस्त्र बलों के सेवा प्रमुख, राज्य के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री, अभिनेता और अन्य वीआईपी शामिल होते हैं (लेकिन यह इन्हीं तक सीमित नहीं हैं)।
कितनी तरह की होती हैं सिक्योरिटी?
भारत में सिक्योरिटी को 6 श्रेणियों में बांटा गया है। जो कुछ इस प्रकार हैं-
- SPG एक विशिष्ट बल है जिसका विवरण वर्गीकृत किया जाता है और केवल भारत के प्रधानमंत्री को प्रदान किया जाता है।
- Z+ श्रेणी में 55 कर्मियों की सुरक्षा होती है, जिसमें 10+ NSG कमांडो और पुलिस कर्मी शामिल होते हैं।
- Z श्रेणी में 22 कर्मियों की सुरक्षा होती है, जिसमें 4-6 एनएसजी कमांडो और पुलिस कर्मी शामिल होते हैं।
- Y+ श्रेणी में 11 कर्मियों की सुरक्षा होती है, जिसमें 2-4 कमांडो और पुलिस कर्मी शामिल होते हैं।
- Y श्रेणी में 8 कर्मियों का सुरक्षा विवरण होता है, जिसमें 1 या 2 कमांडो और पुलिस कर्मी शामिल होते हैं।
- X श्रेणी 2 कर्मियों का एक सुरक्षा विवरण है, जिसमें कोई कमांडो नहीं बल्कि केवल सशस्त्र पुलिस कर्मी होते हैं।