रायपुर। आंजनेय विश्वविद्यालय के कला एवं मानविकी संकाय के विद्यार्थियों ने शनिवार को महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय का शैक्षणिक भ्रमण किया । इस शैक्षणिक भ्रमण का उदेश्य विद्यार्थियों को अपनी प्राचीन संस्कृति से जोड़ना है।
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विद्यार्थियों ने भ्रमण के दौरान जाना कि यह न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में अपनी प्राचीनता तथा पुरावशेषों के लिए विख्यात है। इस बहुआयामी संग्रहालय में छत्तीसगढ़ तथा अन्य क्षेत्रों से प्राप्त प्रागैतिहासिक पाषाण उपकरण, प्राचीन प्रतिमाएं, अभिलेख, ताम्रपत्र तथा सिक्कों के अतिरिक्त जनजातीय संस्कृति से संबंधित विविध प्रकार की सामग्रियां, पशु-पक्षी एवं आधुनिक काल की शिल्प कृतियां भी मौजूद हैं। संग्रहालय परिसर में पाषाण प्रतिमाओं के साथ-साथ लोक शिल्प कलाकृतियां और कलात्मक को देखकर विद्यार्थी रोचकता से भर उठे ।
विद्यार्थियों को पुरातत्व, वास्तुकला और प्रायोगिक ज्ञान के क्षेत्र में संपूर्ण अनुभव प्राप्त हुआ
इस अवसर पर संकायाध्यक्ष डॉ रुपाली चौधरी ने कहा कि पुरातत्व का अध्ययन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें हमारी सांस्कृतिक विरासत को समझने में मदद करता है। इस शैक्षणिक भ्रमण के दौरान, विद्यार्थियों ने प्रायोगिक ज्ञान हासिल किया । इस शैक्षणिक भ्रमण के माध्यम से आंजनेय विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को पुरातत्व, वास्तुकला और प्रायोगिक ज्ञान के क्षेत्र में एक संपूर्ण अनुभव प्राप्त हुआ। शैक्षणिक भ्रमण के दौरान संकाय के प्राध्यापक डॉ. अनामिका शर्मा, सहा. प्राध्यापक गायत्री देवी, महुआ पाठक सहित संकाय के विद्यार्थी शामिल हुए |