गरियाबंद | Herbal Gulal: रंगों के पर्व होली के त्योहार को लेकर तैयारियां जोरो शोरो से चल रही है। इस बार होली 25 मार्च को खेली जाएंगी। गरियाबंद जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत मदनपुर की वसुंधरा कलस्टर की दीदीयों ने हर बार की तरह इस बार भी होली के प्राकृतिक रंग तैयार किए हैं। दीदीयों ने आरा रोट, गुलाब जल,पालक,चुकंदर, पदीना के पत्ते,पाउडर व कई तरह के फूलों का मिश्रण बनाकर इन रंगों को तैयार किया हैं।
कलस्टर की दीदीयों द्वारा रंग-बिरंगे खुशबूदार फूलों से लाल, पीला, हरा, संतरी , गुलाबी, नीला,आदि रंग तैयार किया जा रहा है । अपनी गृहस्थी में व्यस्त दीदीयों के द्वारा रोजाना समय निकाल कर सप्ताह मे एक क्विंटल हर्बल गुलाल तैयार कर लिए हैं। रंगों को बिक्री के लिए मार्केट में उतारा गया है। कलस्टर की दीदी यों द्वारा प्राकृतिक रंगों का मूल्य बाजार के मूल्य से कम रखा गया है। दीदीयों ने इन रंगों को 40 रूपए 250 ग्राम प्रति पैकेट के हिसाब से बेच रहे हैं।
वहीं एक किलो 150 रूपए मे बिक्री कर रहे हैं लोगों को भी ये रंग खासे पसंद आ रहे हैं, जिसके लिए कलस्टर की दीदीयां काफी उत्साहित दिखाई दे रही हैं।कलस्टर की महिला वेद देवांगन ने बताया कि प्राकृतिक रंग गरियाबंद जनपद पंचायत में स्टॉल लगाकर बेचा जा रहा है वहीं हर्बल रंगों की एडवांस बुकिंग आ रही है। उन्होंने कहा कि आसपास के क्षेत्र के लोगों के द्वारा हर्बल रंगों की काफी डिमांड है।
इसमें किसी भी तरह का केमिकल का प्रयोग नहीं हुआ है। लिहाजा इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। इन रंगों की खास बात यह है कि रंगों को प्राकृतिक सामग्री से तैयार किया गया है, जोकि बिलकुल सुरक्षित है।कलस्टर पदाधिकारी हसीना कंवर, कमलेश्वरी दीवान, एन कुमारी ध्रुव व कलस्टर प्रभारी पीआरपी ज्योति साहु ने बताया कि पिछले साल भी रंगों की काफी मांग थी, जिससे महिलाओं को काफी आर्थिक लाभ मिला। दीदीयों ने बताया कि प्राकृतिक रंगों से कई तरह के फायदे होते हैं और त्वचा को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता। और इस बार रंगों की बिक्री से अच्छी आय हासिल होने की उम्मीद है। की इस पहल से अन्य कलस्टर की दीदी लोग भी ऐसा करने की प्रेरित हो रही हैं, ताकि महिलाओं की आर्थिकी और अधिक सुदृढ़ हो सके।वसुंधरा कलस्टर की दीदीयों ने ने बताया गरियाबंद जनपद पंचायत मे स्टॉल लगाया गया है जहा पर्याप्त मात्रा मे गुलाल उपलब्ध हैं.