रायगढ़। Raigarh News : जिला जेल अंग्रेजों के जमाने से बनाया हुआ जेल है। जहां वर्तमान में करीब 800 विचाराधीन बंदी रह रहे हैं। वर्षों से इसे सेंट्रल जेल बनाए जाने की मांग चल रही है लेकिन अब तक इस ओर कोई सार्थक पहल नहीं हो पाई है। सेंट्रल जेल नहीं बनने के कारण वर्तमान की स्थिति देखी जाए तो रायगढ़ जिला के करीब 200 कैदी सेंट्रल जेल रायपुर में है जिनसे मिलने उनके परिजनों को काफी तकलीफ उठानी पड़ती है।
इन्हें भी पढ़ें : CG BREAKING : सरकार से बातचीत को लेकर नक्सलियों का सामने आया बयान, कहा – डिप्टी CM हमारी शर्तों पर सीधा जवाब नहीं दे रहे
सन 1907 में बना रायगढ़ जिला जेल काफी पुराना जेल है। जहां हर तरह के अपराधी सजा काट रहे हैं। रायगढ़ जिले का अंतिम छोर लैलूंगा, धरमजयगढ़, कापू घोर वनांचल क्षेत्र जिला मुख्यालय से 103 किलोमीटर दूरी पर है। जहां आए दिन विवाद पर हत्या का मामला होता रहता है। हत्या के मामले में आरोपी को जिला जेल भेजा जाता है जहां से उसे सुनवाई पूरी होने पर सेंट्रल जेल रायपुर भेज दिया जाता है।
जिला जेल में जब तक आरोपी रहता है तब तक उसके परिजनों को थोड़ी सहूलियत मिल जाती है। इसका कारण यह है कि लैलूंगा से रायगढ़ बस सेवा जारी है। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण लोगों के पास इतना पैसा नहीं रहता है कि वह लैलूंगा से रायपुर जा सकें। बस से 103 किलोमीटर का सफर करके लोग पहले रायगढ़ रेलवे स्टेशन पहुंचते हैं उसके बाद ट्रेन पर सवार होकर रायपुर जाते हैं। इस तरह की समस्या से ग्रामीण अंचल के सभी परिवारजन गुजर रहे हैं।
इन्हीं समस्याओं को देखते हुए कई बार रायगढ़ जिला जेल को सेंट्रल जेल बनाने की मांग की जाती रही है। परिजनों की माने तो उनके लिए जिले के अंतिम छोर से जिला मुख्यालय तक आना ही एक बड़ी चुनौती होती है लेकिन उसके बाद रायपुर जाना उनकी क्षमता से बाहर हो जाता है। गलती या जानबूझकर हुई घटना के बाद आरोपी के परिजनों को राजधानी जाने आने में जिस तरह की समस्या उठानी पड़ रही है। उसे शासन प्रशासन को ध्यान देने की आवश्यकता है।
जिस तरह से नए जिले का निर्माण किया जा रहा है उस हिसाब से सबसे पुराने जेल को सेंट्रल जेल बनाने की मांग लगातार बढ़ रही है। जिला बनने के बाद पहले के सभी उप जेल अब जिला जेल बनने की कगार पर हैं। जिसे देखते हुए रायगढ़ जिला जेल को सेंट्रल जेल बनाया जाना एक अच्छी पहल होगी।