तीन बार के निलंबित एसडीओ निकले अवैध सागौन लकड़ी
कटाई एवं तस्करी के संरक्षक,
वन विभाग ने किया सुनियोजित रूप से हो रही सागौन कटाई एवं तस्करी का खुलासा, टाइगर रिज़र्व के कोर एरिया का हाथी रहवास स्थल तहस नहस
गरियाबंद – उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व अंतर्गत कोर क्षेत्र में हुए सागौन लकड़ी कटाई और तस्करी मामले में वन विभाग ने बड़ा खुलासा किया है। विभाग ने पूरे मामले में विभाग के ही एसडीओ एमआर साहू पर अवैध लकड़ी के कटाई और तस्करी में संरक्षण देने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही एसडीओ के विरुद्ध कार्यवाही के लिए 1050 पन्नो की चार्जशीट तैयार शासन स्तर पर प्रस्ताव भी भेजा गया है। ज्ञात हो कि मामले में डिप्टी रेंजर को निलंबित तथा वन रक्षक को बर्खास्त किया जा चुका है।
डीएफओ वरुण जैन ने बताया की उदंती के दक्षिण कोर एरिया में बीते 6 महीने से अवैध पेड़ कटाई जारी थी। इसमें एसडीओ एमआर साहू का पूरा संरक्षण रहा। 25 दिसंबर को कोर एरिया दक्षिण साल्हेभाट बीट (परिक्षेत्र रिसगांव) में अवैध सागौन कटाई के मामले का खुलासा हुआ था। इसके बाद लगातार वन विभाग ने अवैध कटाई के मामले की जांच कर रहा था। जांच में पता चला कि आरोपी पिछले 6 माह से अवैध कटाई एवं तस्करी कर रहे थे। इसके तार उड़ीसा और बंगाल तक जुड़े थे। सूक्ष्मता से जांच में एसडीओ एमआर साहू के संलिप्तता के भी सबूत मिले। विभाग का संदेह तब और पुख्ता हो गया जब एसडीओ एन्टी पोचिंग टीम के गठन को अवैध बताकर पीसीसीसीएफ को पत्राचार करने लगे।
दूसरी ओर विभाग के सूत्रों से पता चला कि एसडीओ साहू वन रक्षको की बैठक लेकर फाइव स्टार होटल में चाय पीने हेतु प्रलोभन देते रहे। स्टाफ को कोर एरिया के कटाई या अवैध वनोपज परिवहन प्रकरणों में अवैध राजीनामा करके लेन देन करके प्रकरण को निपटाने हेतु उकसाते रहे। इसके साथ विभागीय कार्यों के वाउचर के बदले “सम्मानजनक राशि” की भी स्टाफ से वसूली की।
जैन ने बताया कि एसडीओ एमआर साहू के खिलाफ 350 पन्नो की जांच रिपोर्ट 50 दिन पहले ही उच्च कार्यालय भेजी जा चुकी है किन्तु आज दिनांक तक उन्हें कारण बताओ सूचना नोटिस भी नही दिया गया है। इससे उनकी ऊँची पहुच का अंदाजा लगाया जा सकता है। मालुम हो कि श्री साहू एसडीओ प्रदेश संघ के अध्यक्ष भी है।