होलिका दहन आमतौर पर होली से एक दिन पहले मनाया जाता है. होलिका दहन में राक्षसी होलिका को जलाने का जश्न मनाने के लिए अलाव जलाया जाता है, इसलिए इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का एक प्रतीक कहा जाता है. होली हिंदू कैलेंडर के फाल्गुन महीने की पूर्णिमा के दिन पड़ती है. होलिका दहन, जिसे छोटी होली भी कहा जाता है जो कि एक दिन पहले मनाई जाती है
होलिका दहन के दिन क्या करें?
- होलिका दहन से पहले सुबह के समय होलिका का पूजन करने का विधान है और यह पूजा हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करनी चाहिए.
- फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन का त्योहार मनाया जाता है और इस दिन व्रत या उपवास रखने की भी परंपरा है. इसलिए इस दिन आप व्रत रख सकते हैं.
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर आप अपने घर में सुख-समृद्धि और शांति चाहते हैं तो होलिका दहन के दिन घर की उत्तर दिशा में घी का दीपक जलाएं. ऐसा करना बहुत शुभ माना जाता है.
- होलिका दहन की सुबह होलिका की पूजा में सरसों, तिल, 11 गोबर के उपले, अक्षत, चीनी और गेहूं के दाने व गेहूं की 7 बालियों का उपयोग किया जाता है.
- होलिका की पूजा करने के बाद होलिका की 7 बार परिक्रमा लगाते हुए जल अर्पित करना चाहिए. इसके बाद दान करना बेहद शुभ माना जाता है.
होलिका दहन के दिन क्या न करें?
- होलिका दहन के दिन भूल से भी किसी को उधार नहीं देना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा करने से घर में आने वाली बरकत रुकती है. इसलिए इस दिन पैसे के लेन-देन से बचने की कोशिश करें.
- होलिका दहन की पूजा करते समय काले व सफेद रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. पूजा के समय इन रंगों को पहनना अशुभ माना गया है. आप पूजा के समय पीले, लाग, गुलाबी आदि रंग के कपड़े पहन सकते हैं.
- होलिका दहन की पूजा में महिलाओं को बाल नहीं बांधने चाहिए यानी खुले बालों से होलिका की पूजा की जाती है. इसके बाद किसी भी समय महिलाएं बाल बांध सकती हैं.
- ध्यान रहे कि होलिका दहन की रात को सड़क पर पड़ी किसी चीज को हाथ या पैर लगाएं. इस दौरान टोटके का खतरा अधिक रहता है.
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवविवाहित लड़की को अपने ससुराल में पहली होली पर होलिका दहन की अग्नि नहीं देखनी चाहिए. इसे शुभ नहीं माना जाता है.