गरियाबंद- रंग,गुलाल और अबीर से एक- दूसरे को सराबोर करने की होड़ और होली के गीतों की मस्ती के साथ रंगों का त्योहार होली सोमवार को पूरे जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। क्या अमीर, क्या गरीब सभी एक ही रंग में नजर रहे थे। हर तरफ होली की धूम थी। बच्चे, बूढ़े,जवान सभी होली की मस्ती में थे। सोमवार को पूरे जिले में होली का त्योहार धूम धाम से मनाया गया। छिटपुट घटनाओं को छोड़ पूरे जिले में होली शांतिपूर्ण रहीं। कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। जिले में होली की उमंग रविवार से ही दिखने लगा था। रविवार की शाम होलिका दहन के बाद से ही लोग होली के रंग में रंगने लगे थे। सुबह होते- होते लोग होली की मस्ती में डूब गए। बच्चों की मस्ती तो रविवार शाम से ही दिखने लगी थी। होली है होली है की गूंज हर गली, हर मुहल्ले में गूंजने लगी। बच्चे सुबह होने का इंतजार करने लगे। सोमवार की सुबह मौसम गर्म और तेज धूप था, लेकिन यह गर्मी और तेज धूप बच्चों के उत्साह को रोकने में विफल रहा। यहीं हाल आमजनों का भी रहा। सुबह 10 बजे के बाद हर कोई होलियाना मुड़ में नजर रहा था। होली आई रे कन्हाई, रंग बरसे की धून पर लोगों का जो थिरकना शुरू हुआ वह दोपहर तक जारी रहा।पुराना मंगल बाज़ार बजरंग चौक शिव मंदिर संतोषी मंदिर सिविल लाइन सहित पूरे शहर में सड़क पर मतवालों की टोली चल रही थी जिनका काम हर आने जाने वालों को रंगों से सराबोर करना था।
भाईचारे का त्योहार बना होली
साम्प्रदायिक सद्भाव की मिसाल कायम करने वाले इस शहर में अनेक स्थानों पर मुस्लिम एवं हिन्दू भाईचारे के साथ एक दूसरे पर गुलाल लगा रहे थे। दोपहर तक चलने वाले इस त्योहार के बाद शहर के आसपास की बगीचियों, तालाब पर होली खेलने वाले बुजुर्ग, युवाओं का जमावड़ा शुरू हो गया।
शिव मंदिर चौक में पात्र और मोहरे के फाग गीत ने महौल बना दिया
हैप्पी क्लब के सदस्यों ने शिवमंदिर चौक के पास जमकर फाग गीत गाया सुब्रत पात्र और ऋषिकांत मोहरे ने छत्तीसगढ़ी फाग गीत प्रथम पूजा गणपति के और मुख मुरली बजाए, जैसे शानदार फाग गीत गा कर माहौल बना दिया
शहर के हर इलाको में दिखी होली की रौनक़
गांव हो या शहर हर जगह होली की उमंग और उत्साह एक समान था। बच्चे सुबह से ही रंग, पिचकारी लेकर घर से निकल गए और अपने हम उम्र साथियों के साथ होली के आनंद में मशगूल हो गए। युवाओं की भी अपनी अगल महफिल जमीं थी। यह नजारा मुहल्ले के हर कॉलोनी, गली और चौक चौराहे पर दिख रहा था। महिलाओं की टोली भी किसी से कम नहीं थी। घर की छत या अपार्टमेंट की छत पर महिलाओं की महफिल जमी थी। पुरूषों की तरह महिलाओं ने भी होली का आनंद उठाया। सभी एक- दूसरे को रंगने में जुटी हुई थी। होली में लजीज व्यंजनों के बिना त्योहार अधूरा माना जाता है। होली में चिकन, मटन की डिमांड काफी बढ़ जाती है। इस बार सोमवार होने के कारण अधिकांश घरों में चिकन और मटन की व्यवस्था थी। मटन, चिकन के साथ पुआ, कांजीबड़ा, दहीबड़ा भी बनाया गया था। होली की बधाई देने वालों की भी कमी नहीं थी। समूह में बंट कर लोग एक- दूसरे के घर पहुंचने और गुलाल लगा कर एक- दूसरे को होली की बधाई दी। बधाई देने का क्रम देर शाम तक जारी रहा। होली को लेकर सुरक्षा का पुख्ता इंतजार किया गया था। सभी संवेदनशील स्थानों पर पुलिस बल को तैनात किया गया था थाना प्रभारी कृष्णा प्रसाद जांगड़े ने सँभाला था सुरक्षा व्यवस्था शहर की कमान
गरियाबंद थाने में नहीं खेली गई होली
पहली बार ऐसा हुआ जब होली के दूसरे दिन थाने में इस बार होली नहीं खेली गई। गरियाबंद पुलिस शहरवासियों के एक दिन बाद थानों में होली खेली जाती है, लेकिन इस बार पुलिसकर्मी मनीष यादव के दुर्घटना में हुए मौत के बाद शोक में पुलिस जवानों थाने में होली नहीं खेली