मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों को बाहर से रंग लाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह आदेश मंदिर प्रशासन ने सोमवार को लगी आग के मद्देनजर दिया है।
उज्जैन जिला कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने मंगलवार को बताया कि ‘सोमवार सुबह भस्म आरती अनुष्ठान के दौरान गर्भगृह में आग लगने से सेवकों सहित कम से कम 14 पुजारी घायल हो गए। इसी को देखते हुए हमने फैसला किया है कि श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति रंगपंचमी पर ‘टेसू’ (पलाश) के फूलों से बने हर्बल रंग की व्यवस्था करेगी। उन्होंने कहा कि रंगपंचमी पर किसी भी श्रद्धालु को बाहर से मंदिर परिसर में रंग लाने की अनुमति नहीं होगी।’
रंगपंचमी पर मंदिर प्रबंधन करेगी ये व्यवस्था
- रंगपंचमी पर सुबह होने वाली भस्म आरती के दौरान भक्तों की संख्या नियंत्रित की जाएगी।
- भक्तों को बाहर से रंग लाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अगली बार केमिकल युक्त गुलाल का उपयोग न किया जाए।
गुलाल में मौजूद किसी केमिकल के कारण लगी आग
एमपी के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आशंका जताई थी कि प्रसिद्ध मंदिर में आग ‘गुलाल’ में मौजूद रसायनों के कारण लगी होगी, जो कि अनुष्ठानों और होली के दौरान इस्तेमाल किया जाने वाला रंगीन पाउडर है। मंत्री ने सोमवार को कहा कि हर साल, महाकालेश्वर मंदिर में गुलाल फेंककर होली मनाई जाती है। हो सकता है कि गुलाल में मौजूद किसी केमिकल के कारण आग लगी हो। हालांकि, हम महाकालेश्वर मंदिर में भगवान भोलेनाथ के साथ होली खेलने की परंपरा को बंद नहीं करने जा रहे हैं।