सीहोर | Special Story: एक वैचारिक बीमारी हमारे समाज में नजर आती है कहा जाता है हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं. मगर ये सिर्फ किताबो में ही कहा जाता है. क्योंकि सही मायने में देखा जाए तो मध्य प्रदेश में अभी भी दलितों के साथ ही रहे अत्याचार के मामले आए दिन प्रकाश में आ रहे है. ताजा मामला मध्य प्रदेश के राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा की इच्छावर विधानसभा के ग्राम खेरी से आया है जहां दलित समाज के लोगों द्वारा उनका राम मंदिर में प्रवेश वर्जित बताया गया है ग्राम खेरी के दलितों का आरोप है कि हमें राम मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता है. और मंदिर के बाहर से ही हमारे नारियलों को ले लिया जाता है और हमें मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया जाता है और ना ही हमसे धार्मिक आयोजनों में किसी प्रकार का चंदा लिया जाता है और ना ही हमें बुलाया जाता है ग्रामीण रेशम बाई,चैन सिंह, महेंद्र कालवे,देव बाई बताती है की आजादी के बाद से भी आज तक हमें मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया है बच्चे भी मंदिर जाते हैं तो गांव के दबंग पहले ही उनसे उनका नाम पता पूछ लेते हैं और उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाता है ।
शादी विवाह में आती है परेशानी
अपेक्षित ग्रामीणों का आरोप है कि मंदिर में प्रवेश न दिए जाने से उन्हें शादी ब्याह की पूजन पाठ में काफी परेशानी आती है क्योंकि गांव में राम भगवान का एकमात्र मंदिर है और उस मंदिर में हमें प्रवेश नहीं दिया जाता है जिस वजह से शादी विवाह के समय हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है वोट मांगने तो सभी नेता आ जाते हैं लेकिन समस्या से निजात दिलाने कोई नेता नहीं आता। चुनाव के समय सब नेता हमारे पास बैठ जाते हैं और चुनाव खत्म होने के बाद हमसे छुआछूत और दलित बताकर मंदिर में प्रवेश नहीं देते हैं।
लगभग 150 दलित परिवार है निवासरत
ग्राम खेड़ी में लगभग 150 परिवार दलित समाज के निवासरत हैं जिनका आप है कि उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता है जिस वजह से इतनी बड़ी जनसंख्या अपने धार्मिक स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकार से वंचित है अपेक्षित परिवार आरोप लगाते हैं कि शासन प्रशासन द्वारा भी हमारी कोई मदद नहीं की जा रही है जबकि कई बार हमने यह बात जिम्मेदारों को बता दी है।
आपके द्वारा मामला संज्ञान में लाया जा रहा है वैसे क्षेत्र में हर जगह सामाजिक समरसता का अनुकूल माहौल है अगर ऐसा खेरी में कुछ ऐसा है तो बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा मैं कल खुद जाकर देखता हूं।