रायगढ़ | Child marriage: अभी कानूनन शादी की उम्र हुई नहीं थी तभी दो परिवारों ने अपने बच्चों की शादी का निर्णय लिया. मंडप सजा दिया गया था. रिश्तेदार भी आ गए थे .बस तैयारी थी सात फेरों की, तभी चाइल्डलाइन और महिला विकास विभाग के अधिकारियों ने वहां पहुंचकर शादी रुकवा दिया.
छत्तीसगढ़ कोरबा के बागों थाना क्षेत्र अंतर्गत मोरगा चौकी के ग्राम गिधमुडी में हो रहे बाल विवाह की सूचना डायल 112 की टीम को मिली जिस पर डायल 112 में तैनात आरक्षक रामसिंह श्याम व चालक नीरज पांडेय मोरगा चौकी प्रभारी को मामले के बारे में अवगत कराते हुए चौकी स्टाफ के साथ संबंधित ग्राम पहुंचे, जहां 15 वर्षीय नाबालिक लड़की का विवाह गांव के ही एक 19 वर्षीय युवक के साथ हो रहा था। जिसे तत्काल रुकवाया गया, साथ ही पूरे मामले की जानकारी डायल ११२ टीम द्वारा चाइल्ड लाइन व महिला बाल विकास विभाग को दी गई। टीम द्वारा ग्राम के सरपंच,जनपद व वरिष्ठ गणमान्य जनों के सहयोग से विवाह में शामिल दोनों पक्षों के परिजनों को समझाइश देते कहा कि लड़का लड़की दोनो की उम्र कानूनन शादी के लायक नही है,विवाह हेतु युवती की उम्र 18 वर्ष वही पुरुष की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है,जब तक दोनो बालिक नही होते शादी अपराध की श्रेणी में आती है,दोनो के बालिग होने के पश्चात विवाह कराया जाए।
गौरतलब हैकि बाल विवाह समाज की जड़ों तक फैली बुराई, लैंगिक असमानता और भेदभाव का ज्वलंत उदहारण है। यह आर्थिक और सामाजिक ताकतों की परस्पर क्रिया-प्रतिक्रिया का परिणाम है। जिन समुदायों में बाल विवाह की प्रथा प्रचलित है वहां छोटी उम्र में लड़की की शादी करना उन समुदायों की सामाजिक प्रथा और दृष्टिकोण का हिस्सा है तथा यह लड़कियों के मानवीय अधिकारों की निम्न दशा दर्शाता है। ऐसी स्थिति से सभी को बचना चाहिए और दूसरों को बचाना भी चाहिए।