इंदौर। शिवपुरी की नर्सिंग छात्रा काव्या धाकड़ और उसके दोस्त हर्षित को इंदौर क्राइम ब्रांच ने पकड़ लिया। दोनों देवगुराड़िया की शिवाजी वाटिका कालोनी में छुपे थे। इसके पूर्व दोनों ने अमृतसर में लंगर खाकर कुछ दिन गुजारे।
read more : Indore News: इंदौर में हुआ बड़ा हादसा, अचानक गिरा होटल का झाजा बाल-बाल बचे लोग
बता दे बैराड़ (शिवपुरी) निवासी 20 वर्षीय काव्या धाकड़ ने 18 मार्च को अपहरण की साजिश कर पिता रघुवीर से 30 लाख रुपये मांगे थे। काव्या कोटा की कोचिंग क्लास से नर्सिंग की पढ़ाई कर रही थी। जांच में पता चला कि काव्या ने विदेश जाने के लिए दोस्त हर्षित के साथ साजिश की थी। इंदौर के भोलाराम उस्ताद मार्ग के एक होस्टल में हाथ-पैर बांध कर फोटो खींचे और पिता रघुवीर को भेज दिए । कोटा के विज्ञान नगर थाना की पुलिस ने तलाश की तो काव्या और हर्षित फरार हो गए।
अफसरों के सामने रोते हुए बोले- डाक्टर बनाना चाहते थे स्वजन
बरामदगी की सूचना मिलते ही एडिशनल पुलिस आयुक्त अमितसिंह, डीसीपी हंसराज सिंह पूछताछ करने पहुंचे। छात्रा ने अपहरण की साजिश कर पिता से फिरौती मांगना स्वीकार लिया। रोते हुए बोली, स्वजन डाक्टर बनने का दबाव बनाते थे। पढ़ाई में कमजोर थी। हर्षित से उसका प्रेम प्रसंग चल रहा था। भंवरकुआं क्षेत्र में पढ़ने के दौरान दोनों साथ रहे है। मां उसे कोटा में एडमिशन करवा कर लौट गई थी।
गुरुद्वारा में रुके और लंगर खाकर दिन गुजारे
एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक, पूछताछ में बताया कि दोनों अमृतसर गए थे। गुरुद्वारा में ही रुके और लंगर खाकर दिन गुजारे। चार दिन पूर्व देवगुराड़िया पहुंचे और शिवाजी वाटिका में रहने वाले सुरेंद्र के घर किराए का बोर्ड देख रूम ले लिया। संदिग्ध गतिविधियां देखकर मुखबिर ने पुलिस को खबर कर दी। शाम को टीम कालोनी में पहुंची और दोनों को पकड़ लिया।