ईद को लेकर भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. इस्लामिक कैलेंडर के नौंवे महीने रमजान में 29 या 30 दिन का रोजा रखने के बाद ईद का त्योहार मनाया जाता है. मंगलवार, 9 अप्रैल को भारत में रोजेदार रमजान का 29वां रोजा रखेंगे
दुनियाभर में ईद की तारीख में अंतर होता है. क्योंकि जिस देश में चांद पहले नजर आता है, वहां ईद पहले मनाई जाती है. आमतौर पर सऊदी में चांद नजर आने के अगले दिन ही भारत में ईद होती है. भारत में आज रोजेदार शाम में 29वें रोजे का इफ्तार करने के बाद आसमान में चांद का दीदार करेंगे. अगर आज शव्वाल का चांद नजर आता है तो भारत में 10 अप्रैल को ईद मनाई जाएगी और अगर अर्धचंद्र दिखाई नहीं देता, तो मुल्क में 11 अप्रैल को ईद-उल-फितर मनाई जाएगी.
सऊदी में तय हुई ईद की तारीख
सोमवार 8 अप्रैल को सऊदी में ईद का अर्धचंद्र नजर नहीं आया. ऐसे में सऊदी में 10 अप्रैल को ईद मनाई जाएगी. सऊदी के साथ ही 10 अप्रैल को संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, कतर, कुवैत, बहरीन, मिस्र, तुर्की, ईरान, यूनाइटेड किंगडम और मध्य पूर्व और पश्चिम के अन्य देशों में भी ईद मनाई जाएगी
ईद से पहले चांद देखना क्यों जरूरी
दरअसल इस्लामिक कैलेंडर चंद्रमा पर आधारित होता है और इस्लाम से जुड़े सभी पर्व-त्योहार चंद्रमा की चाल पर निर्भर करते हैं. इस्लामी रूयत-ए-हिलाल (नया चांद देखना) के अनुसार अर्धचंद्र को देखना एक धार्मिक प्रकिया है. इस्लामिक कैलेंडर में नया चांद दिखने के बाद नए महीने की शुरुआत होती है. इसी तरह रमजान के आखिरी दिन भी नए चांद को देखने के बाद शव्वाल का महीना शुरू होता है और ईद मनाई जाती है. इस्लाम के 5 महीने शावान, रमजान, शव्वाल, जीकादाह और जिलहिज्जा में नए चांद को देखना वाजिबे किफाया यानी महत्वपूर्ण है.