धमतरी। Chhattisgarhi Kolyari Bhaji : धान का कटोरा कहे जाने वाला छत्तीसगढ़ हरी-भरी भाजियों का भी गढ़ है, प्रदेश में भाजियों की 80 प्रजातियां एक समय पाई जाती थीं, इसमें 36 प्रकार की भाजियां ऐसी हैं जिन्हें आज भी लोग चाव से खा रहे हैं। इन सब मे एक भाजी जो बेहद खास है वो है, कोलयारी भाजी, ये भाजी जँगली इलाको में पाया जाता है। जो पेड़ पर मिलती है, इसकी छाल और तने का इस्तेमाल कई बीमारियों को दूर करने के लिए भी किया जाता है, कोलयारी भाजी खाने से गठिया से जुड़ी परेशानी भी दूर हो जाती है।
कैसी होती है कोलियारी भाजी
दरअसल कोलियारी भाजी, कई जगह इसे कचनार भाजी के नाम से भी जाना जाता है, वैसे कोलयारी भाजी का वानस्पतिक नाम है बुहिनिया परपुरिया, कचनार भाजी के वानस्पतिक नाम से यह सब्जी ताइवान, मलेशिया जैसे देशों में भी बड़े चाव के साथ खाई जाती है। ये भाजी अपने नाम के साथ ही बहुत सुंदर होती है, ना केवल इस भाजी की कोमल पत्तियां बल्कि सफेद, गुलाबी, पीले, नीले, लाल रंग के इसके फूल भी आप का मन मोह लेंगे, कचनार भाजी की पत्तियों और फूल की कलियों को गर्मी के दिनों में भाजी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह एक ऐसा पेड़ है जिसकी पत्तियां फूल तो उपयोग में आती ही है, इसकी छाल और तने का उपयोग भी बहुत से रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है। ये सिर्फ जँगली इलाको में पाया जाता है।
कैसे बनाई जाती है कोलियारी भाजी
इस भाजी को ना सिर्फ आप टमाटर के साथ बना सकते हैं। बल्कि दही और छाछ के साथ भी इस भाजी का गजब स्वाद आता है, उड़द दाल, मसूर दाल, चने की दाल, अरहर दाल के साथ कचनार भाजी बनाई जाती है। कचनार भाजी के कली की सब्जी तो बनती ही है साथ ही इसका अचार और रायता भी बेहद टेस्टी बनता है। सब्जी बनाने के लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना होगा बस दाल के साथ टमाटर या दही, जो भी आप डालना चाहे उन्हें डालकर भाजी को उबाल लें और सुखी मिर्च और लहसुन में इसे छौंक दें, बस इतनी सी मेहनत और स्वाद के साथ ही स्वास्थ्यवर्धक भाजी तैयार। कचनार भाजी में आयरन, प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। इसके साथ ही कचनार भाजी की छाल का उपयोग करनेे से शरीर की कोई भी गांठ को ठीक किया जा सकता है।
क्या होते है कोलियारी भाजी खाने के फायदे
कचनार भाजी के छाल के फायदों की अगर लिस्ट बनाई जाए तो वह लिस्ट बहुत लंबी बनेगी। कचनार की छाल से ना सिर्फ एग्जिमा और त्वचा के रोगों से मुक्ति मिलती है। बल्कि रक्त संबंधी कोई भी समस्या कचनार के उपयोग से ठीक की जा सकती है, इसकी भाजी ना केवल जोड़ों के दर्द के लिए अमृत समान मानी जाती है। बल्कि वात संबंधी परेशानी भी इस भाजी के खाने से दूर होती है, तो आप सब भी कचनार भाजी खाने का मौका कभी मत छोड़िएगा क्योंकि कचनार भाजी ना केवल हमें स्वाद का तड़का देती है बल्कि स्वास्थ्य के मामलेेे में भी नंबर वन है।
बहरहाल कोलयारी भाजी की दीवाने जंगल मे पहुँचकर भाजी तोड़ने में व्यस्त है। हालांकि बाजारों की भीड़ में इस भाजी का मिल पाना मुश्किल है। यही वजह है कि कोलयारी भाजी दीवाने थैला उठाकर भाजी तोड़ने निकल पड़ते है।