19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले फेज की वोटिंग है। इससे ठीक पहले पीएम मोदी ने इंटरव्यू दिया है। इसमें उन्होंने चुनावी बॉन्ड से लकर सीएए तक हर मुद्दे पर अपनी बात रखी। इस दौरान उनसे विकसित भारत @2047 के विजन पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें गति भी बढ़ानी है और स्केल भी बढ़ाना है। देश के सामने एक अवसर है, एक कांग्रेस सरकार का मॉडल है, एक बीजेपी सरकार का मॉडल है।सोमवार (15 अप्रैल, 2024) को प्रसारित किए गए साक्षात्कार के दौरान पीएम कहते नजर आए- देश के युवाओं के एसपिरेशंस (आकांक्षाओं) को मैं बिगाड़ना नहीं चाहता. मैं नहीं मानता हूं कि मैंने सब कुछ कर लिया है. अभी बहुत कुछ है, जो मुझे करना है. जो हुआ है वह ट्रेलर है. मैं बहुत अधिक करना चाहता हूं.
इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर भी हमलावर होते हुए दिखे. वह बोले- दुर्भाग्य से हमारे यहां शब्दों के प्रति कोई जिम्मेदारी ही नहीं है. मैंने एक नेता को कहते हुए सुना ‘एक झटके में मैं गरीबी हटा दूंगा.’ जिन्हें पांच से छह दशक तक देश पर राज करने को मिला और वे कहते हैं कि मैं एक झटके में गरीबी हटा दूंगा, उन्हें सुनकर लोग सोचते हैं कि ये क्या बोल रहे हैं. हम ‘प्राण जाए पर वचन न जाए’ की महान परंपरा से निकले हैं. नेताओं को जिम्मेदारी लेनी चाहिए. आज हम जो कहते हैं उस पर लोगों को भरोसा है.”
राम का जिक्र कर विविधता को बताया देश की ताकत
उत्तर-दक्षिण के कथित विभाजन पर पीएम मोदी ने बताया, “रत को टुकड़ों में देखना भारत के प्रति नासमझी का परिणाम है. अगर आप हिंदुस्तान में देखें प्रभु राम के नाम से जुड़े हुए गांव सबसे ज्यादा कहां है? तो वह तमिलनाडु में हैं. अब आप इसको कैसे अलग कर सकते हैं. विविधता हमारी ताकत है, हमें इसका जश्न मनाना चाहिए.”
कांग्रेस के आरोप पर कि ‘400 पार से संविधान रद्द हो जाएगा’ पर प्रधानमंत्री मोदी ने बताया, “जो व्यक्ति UN में जाकर दुनिया की सबसे पुरानी भाषा तमिल भाषा का गुणगान करता है, किस आधार पर उस व्यक्ति पर आप ऐसे आरोप कैसे लगा सकते हैं? समस्या उनमें (विपक्ष) है, वे देश को एक ही सांचे में ढालना चाहते हैं. हम विविधता की पूजा करते हैं. हम इसका जश्न मनाते हैं.”
सनातन के अपमान पर Congress को घेर लिया
द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) की ‘सनातन विरोधी’ टिप्पणी और उस पर जनता के आक्रोश पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए कि सनातन के खिलाफ इतना जहर उगलने वाले लोगों के साथ बैठना उनकी क्या मजबूरी है? कांग्रेस की मानसिकता में ये कौन सी विकृति है?”
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