चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि (Navami 2024) को नवरात्रि (Navratri 2024) का आखिरी व्रत रखा जाता है. इस दिन मां दुर्गा (Maa Durga) के आखिरी स्वरूप मां सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है
नवमी तिथि (Navami Tithi)
पंचांग (Panachang Today) के अनुसार, चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2024) की नवमी तिथि 16 अप्रैल की रात को 1. 23 मिनट से शुरू होगी, जो 17 अप्रैल को दोपहर 3 .14 मिनट होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 17 अप्रैल को महा नवमी का व्रत रखा जाएगा.
मां सिद्धिदात्री का स्वरूप (Maa Sidhidatri Swaroop)
मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं. इनका वाहन सिंह (Lion) है. ये कमल पुष्प पर भी आसीन होती हैं. इनकी दाहिनी तरफ के नीचे वाले हाथ में कमलपुष्प (Kamal) है.
मां का यह स्वरूप सिद्धिदात्री सभी प्रकार की सिद्धियां देने वाली मां का माना गया है. इनके नाम का अर्थ है, ‘सिद्धि’ यानी अलौकिक शक्ति और ‘धात्री’ यानि देने वाली मां. चैत्र नवरात्रि में मां के इस स्वरूप की विशेष महिमा है. मां का ये रूप सभी कार्यों में सिद्धि प्रदान करने वाला बताया गया है.
मां सिद्धिदात्री के मंत्र (Maa Sidhidatri Mantra)
सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥
मां सिद्धिदात्री की उपासना से सारी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं. ऐसा दिव्य चमत्कार होता है कि कोई कामना बची नहीं रहती. हमे संसार की नश्वरता का बोध हो जाता है.
इस दिन राम नवमी (Ram Navami 2024) का पर्व भी मनाया जाता है. प्रभु श्री राम (Lord Ram) का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन हुआ था. इसीलिए इस दिन को राम लला (Ram Lala) के जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.