बिलासपुर। Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शादी के 16 वर्ष बाद ससुराल वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न व क्रूरता के सर्वव्यापी आरोपों के आधार पर ससुराल वालों के खिलाफ 498 ए मामले को रद्द कर दिया। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच ने धारा 498-ए, 323/34 के तहत दर्ज मामले में पूरी कार्यवाही को रद्द किया है।
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याचिकाकर्ता मनोज सिंह की शादी 25 अप्रैल, 2001 को वादनी से हुई है और उनके दो बेटे हैं, जिनका नाम आर्यव्रत और देवव्रत सिंह है। अपनी शादी के लगभग 16 साल बाद पत्नी ने एक लिखित रिपोर्ट दर्ज की जिसमें उसके ससुराल वालों, जो याचिकाकर्ता हैं, पर क्रूरता का आरोप लगाया गया।
पत्नी की लिखित रिपोर्ट के आधार पर, याचिकाकर्ताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए और 323/34 के तहत अपराध दर्ज किया गया था। जांच पूरी होने के बाद, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी), कटघोरा के समक्ष एक आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया, जिससे याचिकाकर्ताओं के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर मुकदमा चलाया गया।
इसके खिलाफ याचिकाकर्ता ने एडवोकेट आशीष श्रीवास्तव के माध्यम से याचिका पेश की। कोर्ट में तर्क पेश कर कहा गया कि, पूरे आरोपपत्र में किसी विशेष महीने, तारीख या समय का उल्लेख नहीं किया गया है, केवल शिकायतकर्ता पत्नी की एफआईआर और केस डायरी बयान में सर्वव्यापी और अस्पष्ट आरोप लगाए गए हैं, जो कि आईपीसी की धारा 498ए और 323/34 के तहत अपराध नहीं बनता।