कोरोना महामारी को पुरी दुनिया ने झेला था. इस बीमारी से बचाव के लिए बड़े स्तर पर टीकाकरण हुआ था. अरबों लोगोंं को कोविड वैक्सीन लग भी चुकी है. इस बीच वैक्सीन के दुष्प्रभाव की बात भी अब सामने आ गई है. फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने यह स्वीकार किया है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन एक दुर्लभ दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है, जिसे थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) के रूप में जाना जाता है
फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी में वैक्सीन विकसित की है. कंपनी कोर्ट में एक मुकदमे का सामना कर रही थी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उनके टीके के गंभीर दुष्प्रभाव हैं और इससे मौत का खतरा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दो बच्चों के पिता एमी स्कॉट ने पिछले साल कोर्ट में मुकदमा दायर किया था.उन्होंने आरोप लगाया था कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लेने के बाद उनके शरीर में खून का थक्का जम गया था, जिससे वह काम करने में असमर्थ हो गए थे. अप्रैल 2021 में टीका लगने के बाद उन्हें मस्तिष्क में स्थायी चोट लग गई थी. दिमाग में यह चोट खून का थक्का यानी ब्लड क्लॉट की वजह से हुई थी।
क्या होता है टीटीएस
डॉ. अजित जैन बताते हैं कि टीटीएस की वजह से शरीर में खून के थक्के बनने लग जाते हैं. यह ब्लड क्लॉट अगर हार्ट में होता है तो हार्ट अटैक आ सकता है. अगर क्लॉट ब्रेन में होता है तो ब्रेन स्ट्रोक आने का खतरा रहता है।