Grand NewsGrand News
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • मनोरंजन
  • खेल
  • धर्म
  • वायरल वीडियो
  • विदेश
Search
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Reading: CG NEWS: अग्रसेन महाविद्यालय एवं महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय द्वारा आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला का हुआ समापन
Share
Notification Show More
Font ResizerAa
Font ResizerAa
Grand NewsGrand News
Search
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • मनोरंजन
  • खेल
  • धर्म
  • वायरल वीडियो
  • विदेश
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Grand Newsरायपुर

CG NEWS: अग्रसेन महाविद्यालय एवं महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय द्वारा आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला का हुआ समापन

Aarti Beniya
Last updated: 2024/05/01 at 2:19 PM
Aarti Beniya
Share
6 Min Read
SHARE

रायपुर | CG NEWS: अग्रसेन महाविद्यालय (पुरानी बस्ती रायपुर) एवं महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में “न्यू मेथोडोलॉजी इन रिसर्च प्रजेंटेशन” विषय पर पांच दिवसीय कार्यशाला आज संपन्न हुई. समापन समारोह में पंडित सुन्दरलाल शर्मा मुक्त विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. बंशगोपाल सिंह वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कार्यक्रम में स्शामिल हुए. वहीँ, हेमचन्द यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरुणा पल्टा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं. शिक्षा प्रचारक समिति के अध्यक्ष अजय तिवारी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर में प्रबंध संस्थान के अध्यक्ष एवं प्रोफ़ेसर डॉ ए.के. श्रीवास्तव तथा महाराजाधिराज अग्रसेन शिक्षण समिति के अध्यक्ष एवं अग्रसेन महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ वी.के. अग्रवाल, कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रहे.

इस कार्यशाला को एक महत्वपूर्ण प्रयास बताते हुए प्रो. सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में शोध अध्ययन की तकनीक में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है. उन्होंने कहा कि सूचना तकनीक (आई-टी) और कृतिम बुद्धि (ए-आई) के उपयोग से श्रेष्ठ स्तर का शोध पत्र लिखने में निश्चित ही मदद मिलती है. उन्होंने कहा कि शोध प्रबंध (थीसिस) एवं शोध पत्र (रिसर्च पेपर) की प्रस्तुति में अंतर होता है. क्योंकि दोनों में अंतर-वस्तु का विस्तार अलग-अलग विधि से किया जाता है. डॉ सिंह ने कहा कि रिपोर्ट की प्रस्तुति में भी आधुनिक तकनीक सहायक हो सकती है. लेकिन सबसे पहले रिपोर्ट की विषय-वस्तु का स्तरीय होना आवश्यक है. प्रस्तुति का महत्त्व बाहय साज-सज्जा के समान होता है. इसके बावजूद शोध को पर्याप्त स्थान दिलाने में नई तकनीक के महत्त्व से इन्कार नहीं किया जा सकता है.

- Advertisement -
Ad image

इस अवसर पर हेमचन्द यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरुणा पल्टा ने कहा कि समय के साथ शोध की प्रस्तुति के लिए नई प्रविधियों और तकनीकों की उपयोगिता बहुत अधिक हो गई है. लेकिन प्रस्तुति में बहुत ज्यादा तकनीक पर ध्यान देने से कई बार शोध का विषय गौण हो सकता है. उन्होंने कहा कि आजकल प्रायः शोध की प्रस्तुति में नवाचार के लिए विभिन्न सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल होने लगा है. उन्होंने कहा कि प्रस्तुति की तकनीक चाहे जो भी हो, ;लेकिन इसमें नवीनता और प्रयोग का समावेश अवश्य होना चाहिए. साथ ही हमेशा सीखते रहने का नजरिया रखने से भी प्रस्तुति बेहतर होती है. अपने संबोधन में पंडित रविशंकर शुक्ल में प्रबंध अध्ययनशाला के अध्यक्ष डॉ ए.के. श्रीवास्तव ने कहा कि आजकल शोध की मौलिकता को परखने के लिए अनेक सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किये जा रहे हैं. लेकिन केवल सॉफ्टवेयर और तकनीक से प्रभाव पैदा करने का प्रयास उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि शोध की प्रस्तुति में आकर्षण, रोचकता, नवीनता, प्रभाव और संतुष्टि का मिश्रण होना चाहिए.महाविद्यालय के शासी निकाय के अध्यक्ष अजय तिवारी ने कहा कि महाविद्यालय के द्वारा ऐसे अकादमिक कार्यक्रम के लिए जब भी प्रयासरत हो उन्हें स्वतन्त्र निर्णय लेकर ऐसे कार्यक्रम करना चाहिए जिससे कि महाविद्यालय के प्राध्यापक एवम शोधकर्ताओं को अधिकतम लाभ पहुंचे.

- Advertisement -

 

- Advertisement -

आभार प्रदर्शन करते हुए महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ देवाशीष मुखर्जी ने कहा कि वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपना स्तर बढाने की जरुरत है. इसके लिए शोध कार्य को प्रोत्साहित करना पहला कदम होगा. इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए यह पांच दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई. उन्होंने कहा कि शोध के विषय का चयन भी अपने आसपास के परिवेश से होना चाहिए, ताकि उसकी प्रासंगिकता स्थापित हो सके.

 

 

इस अवसर पर महाराजाधिराज अग्रसेन शिक्षण समिति के अध्यक्ष डॉ वी.के. अग्रवाल ने कहा कि उच्च शिक्षा में शोध अध्ययन का विशेष महत्त्व रहा है. वर्तमान समय में यह और भी बढ़ गया है. महाराजाधिराज अग्रसेन शिक्षण समिति के सचिव एवं वाणिज्य संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ अमित अग्रवाल ने इस कार्यशाला को ज्ञानवर्धक बताते हुए कहा कि इस आयोजन में आमंत्रित विभिन्न विशेषज्ञों ने जो मार्गदर्शन दिया है, उससे शोधार्थियों को निश्चित ही भविष्य में श्रेष्ठ कार्य करने की दिशा मिलेगी. .

इस अवसर पर अग्रसेन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ युलेन्द्र कुमार राजपूत ने कहा कि उच्च शिक्षा में कार्य करने वालों के लिए शोध एक जरुरी प्रक्रिया है. इसलिए शोध कार्य के प्रति उत्सुकता बनाए रखना सभी प्राध्यापकों के लिए अनिवार्य आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा कि विभिन्न विषयों में समय के साथ शोध की संभावनाएं बढ़ती जा रही है. डॉ श्रुति तिवारी ने इस पांच दिवसीय कार्यशाला पर आधारित समग्र रिपोर्ट प्रस्तुत की.

 

कार्यक्रम के अन्त में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गए. कार्यक्रम का संचालन महंत कॉलेज की प्राध्यापिका प्रो अपूर्वा शर्मा एवं डॉ जया चंद्रा ने किया. आज के समापन सत्र में दोनों महाविद्यालयों के समस्त प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों की सक्रिय भागीदारी रही.

Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Copy Link Print
Previous Article CG ACCIDENT NEWS : एमएसपी प्लांट के बाहर हाइड्रा की चपेट में आने से एक प्लांटकर्मी की मौत, दूसरा घायल CG ACCIDENT NEWS : एमएसपी प्लांट के बाहर हाइड्रा की चपेट में आने से एक प्लांटकर्मी की मौत, दूसरा घायल
Next Article Mahtari Vandan Yojana 3rd Kist: कल जारी होगी महतारी वंदन योजना की तीसरी किश्त – विष्णु देव साय

Latest News

एयर इंडिया AI-171 हादसे की जांच के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने गठित की उच्च स्तरीय समिति
Grand News June 14, 2025
CG NEWS: प्लेन क्रैश में मृतकों को क्षत्रिय कल्याण महासभा ने दी भाव​भीनि श्रद्धांजलि l
Grand News छत्तीसगढ़ June 13, 2025
CG NEWS: बस्तर में बदल रही तस्वीर, नक्सल हिंसा की जगह अब छाई खुशियां
Grand News छत्तीसगढ़ रायपुर June 13, 2025
Road Accident News: राजिम में तेज रफ्तार का कहर — पेड़ से टकराया मेटाडोर, ड्राइवर गंभीर रूप से घायल
Grand News June 13, 2025
Follow US
© 2024 Grand News. All Rights Reserved. Owner - Rinku Kahar. Ph : 62672-64677.
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?