रोहित वेमुला (Rohith Vemula) की मौत के मामले में हैदराबाद पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है. मामले की जांच बंद करते हुए पुलिस की तरफ से तेलंगाना हाईकोर्ट में यह दावा किया गया है कि रोहित को यह पता था कि वह दलित नहीं था और असली जाति की पहचान होने का पता चलने के डर से उसने आत्महत्या कर ली थी.
हैदराबाद पुलिस ने पेश मामले में आज तेलंगाना हाईकोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें बताया गया कि रोहित दलित नहीं था और उसकी मृत्यु इसलिए हुई क्योंकि उसे डर था कि उसकी असली जाति की पहचान सबको पता चल जाएगी. क्लोजर रिपोर्ट में सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी गई है। रोहित की मृत्यु के समय स्मृति ईरानी मानव संसाधन विकास मंत्री थीं. पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट में यह कहा है कि सबूतों की कमी के कारण मामला बंद कर दिया गया है. हाई कोर्ट ने अब वेमुला परिवार को विरोध याचिका के तौर पर निचली अदालत में अपील करने का निर्देश दिया है. रोहित के भाई राजा वेमुला ने कहा कि परिवार 4 मई को मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मिलने के लिए हैदराबाद जाएगा.
2017 के बाद मामले की जांच बंद कर दी थी
पुलिस ने 2017 के बाद मामले की जांच बंद कर दी थी. वेमुला परिवार के जाति सत्यापन मामले पर 15 गवाहों के बयानों की एक सीरीज जिला कलेक्टर को दी गई थी. कहा गया कि कानून के मुताबिक जिला कलेक्टर जाति की स्थिति पर आदेश पारित कर सकता है, पुलिस नहीं।