इस्कॉन के सबसे वरिष्ठ संन्यासियों में से एक और इस्कॉन इंडिया की गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण गोस्वामी का आज देहरादून में हृदय संबंधी बीमारियों के कारण सुबह 9 बजकर 20 मिनट पर निधन हो गया
1968 में कनाडा में अपने गुरु और इस्कॉन के संस्थापक-आचार्य श्रील प्रभुपाद से मुलाकात की और तब से उन्होंने सभी की शांति और कल्याण के लिए भगवान श्री कृष्ण और सनातन धर्म की शिक्षाओं को दुनिया के साथ साझा करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया. इसके बाद, आने वाले वर्षों में, उन्होंने भारत, कनाडा, केन्या, पाकिस्तान, सोवियत संघ और दुनिया के अन्य हिस्सों में आउटरीच और समुदाय-निर्माण के प्रयासों की देखरेख की. उन्होंने दुनिया भर में दर्जनों मंदिरों और सांस्कृतिक केंद्रों के निर्माण का बीड़ा उठाया, जिसमें नई दिल्ली में प्रसिद्ध ग्लोरी ऑफ इंडिया वैदिक सांस्कृतिक केंद्र शामिल है, जिसका उद्घाटन भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था और पुणे में इस्कॉन एनवीसीसी, जिसका उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में परम पूज्य गोपाल कृष्ण गोस्वामी को याद करते हुए लिखा
भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में परम पूज्य गोपाल कृष्ण गोस्वामी को याद करते हुए लिखा था, “श्री गोस्वामी महाराज का जीवन, आदर्श और शिक्षाएं मानव जाति के लिए आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा हैं. 5 मई को शाम 4 बजे पार्थिव शरीर को ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित मंदिर में दर्शन के लिए रखा जाएगा और 6 मई, 2024 को परम पूज्य गोपाल कृष्ण गोस्वामी के पार्थिव शरीर को वृंदावन की पवित्र भूमि में समाधि में रखा जाएगा.भारतीय संस्कृति और दर्शन के दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशक भक्तिवेदांत बुक ट्रस्ट के ट्रस्टी के रूप में भी काम किया, जो 70 से अधिक विश्व भाषाओं में भगवद गीता और श्रीमद्भागवतम जैसे पवित्र ग्रंथों के अनुवाद और प्रकाशन की देखरेख करता है और आज तक 60 करोड़ से अधिक पुस्तकों की छपाई कर चुका है. उन्होंने अन्नामृत फाउंडेशन की भी शुरुआत की, जो आज भारत के 20,000 से अधिक स्कूलों में 12 लाख से अधिक सरकारी स्कूली छात्रों को ताजा और पौष्टिक भोजन परोसता है.