रायबरेली | Lokshabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर रायबरेली की सियासत मई में और भी गरमा चुकी है. कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी को रायबरेली से पार्टी का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद यह कहा जा रहा है कि मां की विरासत को अब बेटा संभालने के लिए आ गया है.
इसी बीच खबर हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में कांग्रेस ने बड़ा कदम उठाया है। पार्टी के अध्यक्ष ने रायबरेली से छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल और अमेठी से राजस्थान के पूर्व मुख़्यमंत्री अशोक गहलोत को संसदीय क्षेत्रों के लिए AICC वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
यह चरण उनकी चुनावी रणनीति को मजबूती देने का प्रयास है, जो पार्टी को चुनाव में मजबूत करेगा। इसके साथ ही, इस नियुक्ति का मकसद यह भी है कि पार्टी चुनावी रणनीति और योजनाओं को लेकर अग्रसर हो सके, ताकि वह आगामी चुनाव में मज़बूरी से विजय हासिल कर सके।
कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है रायबरेली सीट
हालांकि रायबरेली सीट से प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की खबरें थीं लेकिन, राहुल गांधी के नाम की घोषणा हो गई. रायबरेली सीट गांधी परिवार के गढ़ के रूप में जानी जाती है और आज भी लोगों का झुकाव गांधी परिवार की तरफ ही है.
रायबरेली सीट पर क्या हैं समीकरण
अगर समीकरण की बात की जाए तो रायबरेली से कांग्रेस के समर्थन में समाजवादी पार्टी भी एलाइंस के थ्रू खड़ी है और बहुजन समाज पार्टी ने भी अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. जनपद में दलित वोटर की संख्या ज्यादा है जिस तरफ दलितों का रुख होगा निश्चित तौर पर पलड़ा उधर ही भारी होगा. हालांकि यादव और मुस्लिम पूरी तरह से कांग्रेस के साथ रहेंगे. ओबीसी कांग्रेस और भाजपा में बंटेगा. इतना ही नहीं सवर्ण का भी रुझान कुछ प्रतिशत कांग्रेस की तरफ रहेगा.