Mundan Sanskar: समाज में सनातन धर्म के अनुसार जन्म के बाद बच्चे का मुंडन कराना एक महत्वपूर्ण संस्कार माना जाता है। मुंडन, जिसे ‘चूड़ाकरण’ भी कहा जाता है, बच्चे के जीवन में एक महत्वपूर्ण पहल है। इसे संस्कृति, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के साथ जोड़ा जाता है।
मुंडन को एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जिसमें बच्चे के बालों को कटाया जाता है। इसे बच्चे के पूर्वजन्म से संबंधित माना जाता है और इसका महत्व बच्चे के स्वास्थ्य और भविष्य के लिए होता है।
सनातन धर्म में, मुंडन को बच्चे के पूर्व जन्म के पापों से मुक्ति प्रदान करने का भी माना जाता है। यह एक पुरानी परंपरा है जो सदियों से चली आ रही है और परिवार की सामाजिक स्थिति और समाज में आदर्श की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
सनातन धर्म में 16 संस्कारों को अत्यधिक महत्व दिया जाता है, और मुंडन इनमें से एक है। इसके अलावा, मुंडन का अनुष्ठान बच्चे के आत्मविकास और धार्मिक विकास में भी मदद करता है।
सनातन धर्म के अनुसार, मुंडन संस्कार न केवल बच्चे के जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है, बल्कि यह उसके धार्मिक और सामाजिक विकास के लिए भी आवश्यक है। इसके माध्यम से बच्चे को धार्मिक मूल्यों और परंपराओं का संचार होता है, जो उसके जीवन में महत्वपूर्ण होता है।